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पंकज बेक मामले में मंत्री टीएस सिंहदेव ने लिया गंभीरता से… गृहमंत्री को लिखा पत्र

पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश के गृहमंत्री को पत्र लिखकर सलका-अधिना निवासी रानू बेक के परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुरक्षा मुहैय्या कराने का निर्देश दिए जाने आग्रह किया है। पत्र में मंत्री सिंहदेव ने रानू बेक द्वारा प्रस्तुत आवेदन का जिक्र किया है।

rajan singh chauhan/

अंबिकापुर। पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश के गृहमंत्री को पत्र लिखकर सलका-अधिना निवासी रानू बेक के परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुरक्षा मुहैय्या कराने का निर्देश दिए जाने आग्रह किया है। पत्र में मंत्री सिंहदेव ने रानू बेक द्वारा प्रस्तुत आवेदन का जिक्र किया है। रानू बेक ने पति पंकज बेक की मौत पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए मंत्री सिंहदेव से जांच-कार्रवाई कर न्याय की मांग की थी। पत्र में मंत्री सिंहदेव ने उल्लेख किया है कि घटना की जानकारी प्राप्त होते ही उन्होंने तत्काल रानू बेक से बात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि वे उनके साथ खड़े हैं।

कैबिनेट मंत्री ने मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अभिरक्षा में मौत के मामलों में निर्धारित न्यायिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने आग्रह किया है। प्रकरण पर कार्रवाई होते तक आरोपितों को संभाग के बाहर स्थानांतरित किए जाने की मांग भी की है ताकि वे अपने प्रभाव का उपयोग कर जांच को प्रभावित न कर सकें। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि घटना के बाद पीड़ित आदिवासी परिवार सुरक्षा को लेकर भी सशंकित है। उनमें असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई है। परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें आवश्यक सुरक्षा मुहैय्या कराने का निर्देश दिए जाने की उम्मीद भी उन्होंने गृहमंत्री से जताई है।

प्रदेश के स्वास्थ मंत्री आरोपी के साथ दिख रहे तस्वीरों में,जिसके बाद मृतक पंकज बेक की पत्नी ने मंत्री को लिखी थी चिट्ठी …पत्र वायरल होने के बाद टीएस ने पीड़िता को ख़ुद फोन कर उसे न्याय में मदद करने की बात की करते हुए भरोसा दिलाया । अब सोशल मीडिया में आरोपी के साथ वायरल हो रहे तस्वीर और वीडियो को हटाना शुरू हो गया है।

पढ़ें क्या लिखा है पीड़िता के मार्मिक चिट्ठी में-

आदरणीय

सरगुजा महराज टीएस बाबा जी प्रणाम,
बहुत हिम्मत करके आपको यह चिट्ठी लिख रही हूं, जब से न्यूज़ में मैंने देखा है कि मेरे पति के हत्या का मुख्य आरोपी टीआई विनीतदुबे आपके साथ मंच के बगल में बैठा है और आप उससे किसी क्रिकेट खेल का फीता कटवा रहे हैं यह देखकर मारे डर और चिंता से मुझे नींद नही आ रही है, जब पुलिस अभिरक्षा में मेरे पति के मौत के आरोपी और अपराधी लोग छत्तीसगढ़ के कैबिनेटमंत्री के इतने करीब हैं तो न्याय तो मुझे मिलने से रहा अब बस अपने और अपने बच्चों की जान की भीख मांगने आपको यह चिट्ठी लिख रही हूं।

मुझे अब समझ आ गया कि जब मैं आपके पास इंसाफ की गुहार लगाने गयी थी तब आपने वही बात मुझसे क्यों कही थी जो पुलिस वाले शुरू से बोल रहे हैं, आपने मुझसे कहा था कि मेरे पति के शरीर में चोटें कांच और झड़ियों से आयी हैं, मैं चुप थी क्योंकि मेरे पास तब पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नही था। मुझे बहुत निराशा तब भी हुई थी लेकिन जो लोग मेरी मदद कर रहे हैं उनलोगों ने मुझे डांट कर कहा था कि बाबा को कुछ लोग गुमराह किये होगें बाबा गलत का साथ नही देते।

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में लिखा है कि मेरे पति के पैर में गहरी चोट थी तो कैसे 12 फिट और 10 फिट तक की 4 दीवाल फांदकर भाग सकते थे, वकीलों ने बताया कि अंबिकापुर टीआई ने पैसे के दम पर कागज बदलवाकर ज़मानत लिया है।

आदरणीय बाबा जी आप मंत्री जितने बड़े हों लेकिन हमारे लिए तो आज भी हमारे #महाराज ही हैं, मेरी दादी मुझे बताया करती थीं कि आपके मम्मी-पापा यानी महाराज साहब और राजमाता गरीबों के लिए मसीहा थे, उनके दरबार में यदि कोई चला जाये तो खाली हाथ नही लौटता था, उन्हें इंसाफ मिल जाता था, मेरी दादी ने बताया था कि पूजनीय राजमाता जी गांधी जी से मिली थीं उनसे बहुत प्रभावित थीं इसीलिए अंग्रेजों के जमाने से लेकर पूरी जिंदगी गरीबों, मजलूमों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था, मैं उनकी अंतिम विदाई के दिन भी आई थी लेकिन पैसे वालों और बड़े बड़े लोगों की भीड़ देखरकर दूर से उनको प्रणाम करके चली आयी, मुझे आपसे बहुत उम्मीद थी और आज राजमाता जीवित होतीं तो मैं उनसे जरूर यह गुहार लगाती कि पूजनीय राजमाता गलत मेरे पति थे या पुलिस वाले? ये फैसला तो कोर्ट देगा लेकिन कम से कम जांच तो निष्पक्ष होने दिया जाए! फोटो और न्यूज़ के वीडियो के साथ मैं उन्हें दिखा भी देती कि कैसे हमारे महाराजा टीएस बाबा मेरे पति के हत्यारे को सम्मानित कर रहे हैं… लेकिन अफसोस हम गरीबों की अंतिम आस पूजनीय राजमाता अब इस दुनिया में नही रहीं.

आदरणीय बाबा, जिस पुलिस वाले ने मेरे पति को मारा वह रोज अलग अलग तरीके से हमें धमकियां दे रहा है और सुनने में आया है कि महामाया क्रिकेट का पूरा खर्चा वही उठा रहा है बदले में आप उसे फिर से अंबिकापुर थाने में बहाल करवा रहे हैं, मैं डर डरकर जी रही हूं कभी भी मेरी हत्या टीआई विनीत दुबे और उसके साथी पुलिस वाले करवा सकते हैं मुझे अपने जान की परवाह नही लेकिन मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं उनके जान की भीख मांग रही हूं आपसे।

मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नही हूँ इसीलिए नही जानती ये पत्र आप तक पहुंचेगा भी या नही, इसीलिए हर दरवाजे जाकर अब अपनी और अपने बच्चों की जान पुलिस वालों से बचाने का प्रयास करके देखती हूँ।

बस आपसे निवेदन है कि यदि ये चिट्ठी आप तक पहुंचे तो पुलिस वालों से बोलियेगा मेरे बच्चों को जीने दें शायद आदिवासी, गरीब को भी जिंदा रहने का अधिकार है ऐसा मैंने सुना है.

मेरा मोबाइल नम्बर दे रहीं हूँ यदि एक आदिवासी गरीब की आप सुन सकते हैं तो बात कर लीजिएगा डर और घबराहट से कुछ गलत लिख दी होंगीं तो
आपके पैर छूकर मांफी चाहती हूं.

गरीब पर दया कीजियेगा
हो सके तो मेरे बच्चों पर दया करियेगा

रानूबेक
अधिना सलका
सूरजपुर

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