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भूमि का बटवारा कराने के नाम पर बड़े लड़के के द्वारा अपने पिता से झूठ बोलकर जमीन हड़पने की नियत से छोटे लड़के के बिना जानकारी के फर्जी मुख्तारनामा-आम निष्पादित कराकर धोखाधड़ी करने जमीन बेचने के लिये दबाव बनाने व धमकी देने की हुई थाने में शिकायत।

मुख्तारनामा-आम स्टाम्प मे पिता के साथ साथ बड़े लड़के और छोटे लड़के की लगी हुई है नाम साहित फोटो…?

छोटे लड़के का नही है उसमे उसके साइन…?
छोटे लड़के का फर्जी साइन कर फोटो के आधार पर छोटे लड़के भाई को जानकारी दिये बगैर कराया रजिस्ट्री।

छोटे भाई की शिकायत पर बड़े भाई के द्वारा फर्जी तरीके से कराया गया मुख़्तारनामा- आम एवम् रजिस्ट्री को प्रसाशन द्वारा गंभीरता से लेते हुए बड़े भाई के विरुद्ध आइपीसी धारा
धोखाधड़ी (420), कूटरचित कर बनाये गये दस्तावेज (120 बी),के तहत मामला किया दर्ज।

रजस्ट्री हुई शून्य…, आरोपी बड़ा भाई हुआ फरार।

– राजन सिंह चौहान –

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर। नवीन जिला बनने की बाद भू माफियाओं की नज़र ऐसे भोले भाले आदिवासी परिवारों पर पड़ रही है जिनकी भूमि एनएच से लगी हुई है या जिला कार्यालयों के समीप है, नवीन जिला बनने के बाद सबसे ज्यादा खेला राजस्व विभाग में भू माफियाओं की मिली भगत के सामने आ रहे है। ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमे जमीन के मालिक को पता ही नही और फर्जी मुख्तियार नामा बन गया जमीन की रजिस्ट्री भी हो गई, जब मामले की जानकारी हुई तो आदिवासी परिवार की प्रार्थिया ने पुलिस में शिकायत की है,

जानकारी के अनुसार मनेन्द्रगढ़ के ग्राम चौघड़ा निवासी सरस्वती ने पुलिस ने शिकायत की है कि उसकी माता सोनिया तथा भाई शिवप्रसाद ग्राम-चैनपुर में निवास करते है। उसकी एवं उसके माता व भाई तीनों के नाम पर ग्राम-चैनपुर, तहसील-मनेन्द्रगढ़, जिला-मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (छ.ग.) में राजस्व अभिलेखों में संयुक्त रूप से दर्ज है। माह मार्च 2024 में एक दिन उसका भाई शिवप्रसाद उसके पास आया और बोला कि जमीन का बटवारा कराकर पट्टा अलग-अलग कराना है, जब मैं बोलू तो चलकर हमारे साथ लिखापढ़ी में हस्ताक्षर कर देना और हम तीनों के बीच बटवारा होकर अलग-अलग पट्टा बन जायेगा। वो अनपढ़ है केवल हस्ताक्षर करना जानती है। भाई शिवप्रसाद के कहने पर वो तैयार हो गई और दिनांक 5 मार्च 2024 को मंगलवार के दिन तहसील में जाकर लिखापढी के कुछ कागजों में हस्ताक्षर एवं एक ऑफिस में फोटो, अंगूठा निशानी आदि लगा दी। वहाँ पर उसके भाई शिवप्रसाद ने उसको शिवनारायण सिंह से मिलवाया और बताया कि यही हमारा बटवारा करा रहे है। अभी हाल ही में उसको पता चला कि शिवनारायण द्वारा उस दिन बटवारा कराने के नाम पर झूठ बोलकर उसके बिना जानकारी के खसरा नंबर को विक्रय करने का अधिकार लेने के लिए पंजीकृत मुख्तारनामा-आम के दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाकर कागज बनवा लिया गया। उसके लड़के शंकर को चैनपुर में जाने पर जानकारी लगी कि उसकी जमीन का एक टुकड़ा का रजिस्ट्री होने वाला है तब उसका लड़का उपपंजीयक कार्यालय जाकर जानकारी लिया तो पता चला कि बटवारा के नाम पर धोखे से जमीन बेचने का लिखा पढ़ी शिवनारायण करा लिया है। उसकी माता सोनिया भी अनपढ़ है वह हस्ताक्षर करना भी नहीं जानती है, को भी केवल बटवारा होने की जानकारी थी। प्रार्थिनी व उसकी माता का अनपढ़ होने का फायदा उठाकर शिवनारायण सिंह के द्वारा धोखाधड़ी कर पंजीकृत मुख्तारनामा निष्पादित करवा लिया गया है तथा उक्त मुख्तारनामा के आधार पर उसकी भूमि को स्वयं को विक्रय करने का प्रयास कर रहा है। वो अपने पुत्र शंकर के साथ दिनांक 2 मई 2024 को उपपंजीयक कार्यालय मनेन्द्रगढ़ जाकर उक्त मुख्तारनामा को निरस्त करने का लिखापढ़ी करा ली है और वहीं मुख्तारनामा को निरस्त कराने की लिखापढी कराने के बाद उसको जानकारी हुई कि उक्त पंजीकृत मुख्तारनामा के आधार पर दिनांक 24 अप्रैल 24 को एक रजिस्ट्री पेश भी हो चुकी है जिसे स्वयं मुख्तारनामा के जरिये शिवनारायण स्वयं को ही विक्रय करने के प्रयास में है परन्तु उक्त रजिस्ट्री शंका के आधार पर उपपंजीयक ने लंबित रखा हुआ है, तब उसने उक्त बात को अपनी माता को बताई और उसकी माता ने उपपंजीयक कार्यालय में 2 मई 24 को भी उक्त लंबित रजिस्ट्री को निरस्त करने के लिए आपत्ति प्रस्तुत की गई है, जिसकी जानकारी लगने पर 2 मई 24 को कुछ लोग कार में उस के भाई शिवप्रसाद को शराब पिलाकर लेकर आये थे, उसका भाई होश में नहीं था और वे लोग जबरदस्ती अपनी जमीन बेचने के लिये वो व उसकी माता सोनिया के ऊपर दबाव बनाने लगे। उसके पति के द्वारा चिल्लाने पर वे लोग वहाँ से भाग गये 2 मई को सुबह करीब 6 बजे भोर में कार में दो लोग शिवप्रसाद को शराब पिलाकर फिर से उस के घर लेकर आये और दोनों उसको जबरदस्ती बैकुण्ठपुर चलकर रजिस्ट्री करने के लिये दबाव बनाने लगे। वो मुखारी करने के बहाने पीछे से घर से निकलकर दूसरे घर में चली गई और मौका पाकर वे लोग उसकी माता को जबरदस्ती कार में बैठाकर ले गये। उसके बिना उनकी रजिस्ट्री होना संभव नहीं था वे लोग उसकी माता को उसके चैनपुर स्थित घर में छोड़कर भाग गये 2 मई को सुबह करीब 11:30 बजे करीब उसके पुत्र शंकर के फोन पर पूर्व परिचित माधव का फोन आया और वे कहने लगा कि दो लाख रूपये तेयार है अपनी माँ को लेकर आजा तेरे को दो लाख रूपये देंगे और चलकर हस्ताक्षर करा दे। वनअपनी जमीन नहीं बेचना चाहती है, शिवनारायण सिंह और उसके अन्य साथी उसके भाई को दिन भर शराब पिलाये रखते है और जबरदस्ती उसकी जमीन को हड़पने के लिये प्रयासरत् है। वो उनकी धोखाधड़ी जान गई और मुख्तारनामा निरस्त करा दी तो जबरदस्ती धन व बल से उसको उसके घर से उठाकर रजिस्ट्री कराने के लिये हर तरह के हथकंडे अपना रहे है। वो शिवनारायण और उसके अन्य साथियों के द्वारा दबाव बनाने से काफी भयभीत है एवं उस के परिवार वाले भी दहशत में है इसलिये प्रार्थिनी उनके विरूद्ध कार्यवाही चाहती है।

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