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शर्मा हॉस्पिटल के संचालक को मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी ने थमाया नोटिस,तीन दिवस में जवाब देने किया आदेशित

जवाब नही दिया तो शर्मा अस्पताल पर होगी कार्यवाही?

शर्मा हॉस्पिटल की विभिन्न कमियों और नियम विरुद्ध जारी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल की शिकायत पर जारी हुआ है नोटिस।

आरोप सभी सही तो क्या भाजपा नेता होना उन्हे देता है बिना किसी अनुमति बिना पंजीयन हॉस्पिटल संचालन की छूट?

जारी नोटिस अनुसार जवाब स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं होने पर संचालक के विरुद्ध नर्सिंग होम एक्ट सहित पीसीपी एन डी टी एक्ट के तहत हो सकती है वैधानिक कार्यवाही नोटिस में है ऐसा उल्लेख।

– राजन सिंह चौहान –

बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय में स्थित शर्मा हॉस्पिटल को लेकर की गई शिकायत को लेकर जिले का स्वास्थ्य विभाग अब जाग चुका है ऐसा एक नोटिस जारी होने के बाद जो मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी ने शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल की शिकायत के बाद जारी किया है, देखने को मिला है जिसमे शर्मा हॉस्पिटल के संचालक को तीन दिवस के भीतर नोटिस का संतोषप्रद जवाब देने आदेशित किया गया है और जवाब संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में संचालक के विरुद्ध संस्था के विरुद्ध नर्सिंग होम एक्ट एवम पी सी पी एन डी टी एक्ट के तहत अनुशासनात्मक एवम वैधानिक कार्यवाही किए जाने की बात लिखी गई है जो अब शर्मा हॉस्पिटल के लिए एक बड़ी मुसीबत के रूप में समाने देखा जा रहा है।

शहर के निवासी संजय अग्रवाल ने शर्मा हॉस्पिटल को लेकर एक शिकायत पत्र जिले के स्वास्थ्य विभाग को सौंपा है जैसा बताया जा रहा है और उसी शिकायत के आधार पर शर्मा हॉस्पिटल के संचालक से जिले के जिला स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी ने आठ बिंदुओ पर तीन दिवस के भीतर संतोषप्रद जवाब मांगा है। शर्मा हॉस्पिटल को नोटिस दिनांक 20 सितंबर 2023 को भेजा गया है और आज अंतिम दिवस है नोटिस अनुसार उनके पास जबाव प्रस्तुत करने का वह क्या जवाब देते हैं स्पष्टीकरण शिकायत मामले में वह क्या अपना देते हैं वह अब उनके स्पष्टीकरण के बाद ही सामने आ सकेगा लेकिन शर्मा हॉस्पिटल के ऊपर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं और यदि वह सही पाए जाते हैं तो हॉस्पिटल के ऊपर कार्यवाही तय मानी जा रही है वहीं अब एक सवाल और पूरे मामले में खड़ा हो रहा है की जब जिला मुख्यालय में नियम विरुद्ध तरीके से एक निजी हॉस्पिटल वर्षों से संचालित होता चला आ रहा है और यदि शिकायत अनुसार वहां नियम विरुद्ध तरीके से इलाज किया जा रहा है कई स्वास्थ्य सुविधाएं वहां बिना अनुमति लिए स्वास्थ्य विभाग से लोगों को उपलब्ध कराई जा रही हैं तो यह बड़ा गंभीर मामला है क्योंकि यह सीधा सीधा लोगों के जान से खिलवाड़ का मामला है और अब तक मामले में स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं संज्ञान क्यों नहीं लिया किसी शिकायत का इंतजार उन्होंने क्यों किया यह सोचने वाली और संशय उत्पन्न करने वाला विषय माना जा रहा है।

शिकायतें सामने आती रहीं और बात दबती चली गई, क्या उसके पीछे की वजह उनका राजनीतिक पकड़ है?
वैसे शर्मा हॉस्पिटल के संचालक जो की भाजपा के बड़े नेताओं में अपनी गिनती कराते हैं और अब उनकी मंशा भी चुनाव लड़ने की बन रही है उनकी राजनीतिक पकड़ ही उन्हे कई मामलों में बचाती चली आ रही है ऐसा बताया जा रहा है। शर्मा हॉस्पिटल जिले खासकर जिला मुख्यालय का एक ऐसा निजी हॉस्पिटल है जहां या जिसकी कई बार शिकायतें सामने आती रहीं और बाद में बात दबती चली गई और उसके पीछे की वजह उनका राजनीतिक पकड़ बताया गया और इसे ही उनका एक सुरक्षा कवच भी माना गया है। वैसे अब जिले के स्वास्थ्य विभाग प्रमुख ने हॉस्पिटल मामले में एक शिकायत के आधार पर नोटिस भेजा है संचालक को देखना है जवाब क्या आता है और संतोषप्रद जवाब नहीं होने पर स्वास्थ्य विभाग क्या कार्यवाही करता है। संजय अग्रवाल की ही शिकायत पर सही हॉस्पिटल संचालक को नोटिस भेजा गया है और तीन दिवस के भीतर जवाब मांगा गया है वैसे माना यह भी जा रहा है की हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर इस बीच कोई सेटिंग न कर लें अपने बचाव के लिए वह कोई जुगाड न कर लें क्योंकि उनकी पकड़ ऊंची है काफी ऊंची।
संजय अग्रवाल की शिकायत पर शर्मा हॉस्पिटल के विरुद्ध जारी हुआ है नोटिस,संस्था को तीन दिवस में देना है जवाब
शर्मा हॉस्पिटल साथ ही संचालक से जिला मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी ने तीन दिवस के भीतर आठ बिंदुओ पर जवाब मांगा है और इसके लिए संस्था सहित संचालक को तीन दिवस का समय प्रदान किया गया है। जिन आठ बिंदुओ पर जवाब मांगा गया है वह शहर के निवासी संजय अग्रवाल की शिकायत से लिए गए आठ बिंदु हैं जिसके अनुसार ही शिकायत की गई है। जारी नोटिस जो मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोरिया द्वारा जारी किया गया है के अनुसार जवाब संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में हॉस्पिटल सहित संचालक पर कार्यवाही की जाएगी इस बात का भी उल्लेख नोटिस में किया गया है। शिकायतकर्ता को भी नोटिस से अवगत कराया गया है और उन्हे सूचित किया गया है की उनकी शिकायत के आधार पर हॉस्पिटल सहित संचालक को नोटिस भेजा गया है और जिसमे उन्हे तीन दिवस के भीतर जवाब देना है।
नोटिस में किन आठ बिंदुओ पर मांगा गया है स्पष्टीकरण आइए देखते हैं एक नजर
बैकुंठपुर जिला मुख्यालय में स्थित शर्मा हॉस्पिटल और संचालक को मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 20 सितंबर को आठ बिंदुओ पर एक नोटिस भेजा गया है जिसमे उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है आठ बिंदुओ पर,यह एक शिकायत के आधार पर भेजा गया नोटिस है शिकायत शहर के निवासी संजय अग्रवाल ने की है। आठ बिंदुओ में जो नोटिस भेजा गया है उसके अनुसार शर्मा हॉस्पिटल और उसके संचालक को तीन दिवस के भीतर जिन आठ बिंदुओ पर जवाब देना हैं उसमे प्रमुख रूप बिंदु यह है। उपरोक्त आठ बिंदुओ पर स्पष्टीकरण मांगा गया है और यह भी नोटिस में उल्लेखित है की जवाब संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में संचालक और संस्था के विरुद्ध नर्सिंग होम एक्ट सहित पी सी पी एन डी टी एक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
नोटिस के आठ बिंदु:-
बिंदु नंबर 1- शर्मा हॉस्पिटल नर्सिंग होम एक्ट में बिना लाइसेंस लिए ही हॉस्पिटल संचालित कर रहा है।
बिंदु नंबर 2- संचालक स्वास्थ्य सह समुचित पदाधिकारी पी सी पी एन डी टी संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ अपील आदेश क्रमांक/पी एन डी टी/2023/256/167 नवा रायपुर अटल नगर छत्तीसगढ़ दिनांक 27/04/2023 द्वारा जारी आदेश का उलंघन किया जा रहा है।
बिंदु नंबर 3- पर्यवेक्षी प्राधिकारी(नर्सिंग होम एक्ट) अपर कलेक्टर जिला कोरिया द्वारा दिए गए निर्देश के संदर्भ में मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोरिया छत्तीसगढ़ द्वारा नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने बाबत पत्र क्रमांक/4019/न.हो ए./2023 बैकुंठपुर दिनांक 06/09/2023 को जारी किया गया था, उक्त संदर्भ में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। जिसका जवाब समय पर देना सुनिश्चित करने।
बिंदु नंबर 4- शर्मा हॉस्पिटल में नियम विरुद्ध पी सी सी एन डी टी एक्ट अंतर्गत पंजीयन के बिना डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा,डेंटिस्ट डॉक्टर अपराजिता,एवम डॉक्टर संकल्प शर्मा के द्वारा सोनो ग्राफी मशीन का संचालन किया जा रहा है,जो पी सी पी एन डी टी एक्ट का उलंघन है।
बिंदु नंबर 5- शर्मा हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम टी पी एक्ट अंतर्गत पंजीयन प्राप्त नहीं है,क्या इस संबंध में क्या शर्मा हॉस्पिटल में एम टी पी संबंधित कार्य संपादित किए जा रहे हैं यह भी जवाब मांगा गया है।
बिंदु नंबर 6- शर्मा हॉस्पिटल को पूर्व में आर एस बी आई /एम एस बी वाई (स्मार्ट कार्ड) में अनियमितता के कारण स्टेट नोडल एजेंसी रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा निष्काशित किया गया है।
बिंदु नंबर 7- शर्मा हॉस्पिटल बैकुंठपुर को नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन नहीं होने के बावजूद जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत कार्य किया जा रहा है।
बिंदु नंबर 8- शर्मा हॉस्पिटल के संचालक निस्चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा का छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन है या नहीं।
कई बार शर्मा हॉस्पिटल को लेकर आई है शिकायत सामने,पहली बार नोटिस जारी होने की सूचना हुई है सार्वजनिक
शर्मा हॉस्पिटल नियम विरुद्ध तरीके से बिना पंजीयन संचालित है और हॉस्पिटल के भवन को भी नगरपालिका से अनापत्ति प्राप्त नही है वहीं जिस भूमि पर हॉस्पिटल है वह भूमि भी व्यववर्तित नहीं है सोनोग्राफी मशीन भी खुद डॉक्टर ही चलाते हैं कई चिकित्सा कार्य डॉक्टर वहां स्वयं करते हैं जिसका उन्हे न तो अनुभव है और न उसकी योग्यता बावजूद कभी उनके विरुद्ध कोई बड़ी कार्यवाही हुई हो देखा सुना नही गया था,अभी जारी नोटिस के बाद यह कहा जा सकता है की अनियमितता को लेकर यह पहला नोटिस शर्मा हॉस्पिटल को जारी हुआ है वह भी एक शिकायत के बाद,अब शिकायतों को लेकर जो नोटिस दिया गया है हॉस्पिटल संचालक हो उसके बाद यदि तीन दिवस में संतोषप्रद जवाब नहीं मिलता है तो स्वास्थ्य विभाग जिला कोरिया क्या कार्यवाही करता है देखने वाली बात होगी,वहीं हॉस्पिटल एवम डॉक्टर शर्मा की तरफ से आठ बिंदुओ पर जो जवाब मांगा गया है उसको लेकर क्या जवाब दिया जाता है वह भी देखना है क्योंकि आरोप बड़े गंभीर हैं और यदि वह सही हैं तो क्या वर्षों से जिला मुख्यालय में हॉस्पिटल बिना किसी अनुमति वैध लाइसेंस के बिना यदि संचालित होता चला आ रहा तो यह स्वास्थ्य विभाग की अब तक की सबसे बड़ी लापरवाही के रूप में माना जायेगा।
सहायक संचालक नगर एवम ग्राम निवेश के समक्ष भी हुई शिकायत,हॉस्पिटल भवन एवम भवन भूमि पर निर्माण अनुमति मामले में की गई शिकायत
शर्मा हॉस्पिटल बैकूठपुर के संचालक की एक और शिकायत 22 सितंबर को सहायक संचालक नगर एवम ग्राम निवेश बैकुंठपुर कोरिया के समक्ष की गई है। शिकायत 6 बिंदुओ के आधार पर की गई है। इसमें यह उल्लेखित किया गया है और कार्यवाही की मांग की गई है की हॉस्पिटल जिस भूमि पर निर्मित है संचालित है उस भूमि को भवन निर्माण या व्यवसायिक उपयोग उद्देश्य से व्यपवर्तित नहीं कराया गया है।नगर एवम ग्राम निवेश विभाग जिला कोरिया को शिकायत में बताया गया है की शर्मा हॉस्पिटल सहित न्यू लाइफ नर्सिंग होम दोनो भवन नगर एवम ग्राम निवेश से बिना अनापत्ति प्राप्त किए गए निर्मित कराया गया है विस्तारित कराया गया है,वहीं नर्सिंग एक्ट के तहत यदि किसी नर्सिंग होम या नर्सिंग कॉलेज का पंजीयन प्रदाय किया जाता है तो उसके लिए भी जिस भूमि पर भवन निर्माण होता है वह व्यपवर्तीत भूमि होनी चाहिए वहीं भवन निर्माण की विधिवत अनुमति लेकर भवन निर्माण कराना चाहिए साथ ही भवन का यदि व्यवसायिक उपयोग किया जाना है तो भवन पूर्ण नियम एवं अनुमति के नहीं बना होना चाहिए जो शर्मा हॉस्पिटल सहित न्यू लाइफ नर्सिंग कॉलेज मामले में पालन नहीं किया गया है भवन निर्माण सहित उसके विस्तार के दौरान,कृषि भूमि पर ही सभी भवन निर्मित हैं और उसी पर हॉस्पिटल और नर्सिंग कॉलेज संचालित है जिसकी जांच कर कार्यवाही की जानी चाहिए यह शिकायत की गई है,शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल बैकुंठपुर स्कूल पारा निवासी हैं।
यदि आरोप सभी सही तो क्या भाजपा नेता होना उन्हे देता है बिना किसी अनुमति बिना पंजीयन हॉस्पिटल संचालन की छूट
शर्मा हॉस्पिटल संचालक की यदि बात की जाए तो फिलहाल वह शहर के नामी चिकित्सकों में से एक हैं और निजी हॉस्पिटल संचालन मामले में तो वह इकलौते हैं शहर में जिनके हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या लगातार ज्यादा बनी रहती है,बताया जाता है शर्मा हॉस्पिटल ऐसा हॉस्पिटल है जहां हर तरह का इलाज किया जाता है, हर तरह के मरीज यहां मिलना आम बात है,सर्जरी हो या जांच सुविधा मामला इस मामले में भी हॉस्पिटल हर सुविधा मुहैया कराता है। यह हॉस्पिटल नया हॉस्पिटल भी नहीं है काफी पुराना हॉस्पिटल है वहीं अब यह बात सामने आ रही है एक शिकायत के बाद की हॉस्पिटल बिना किसी अनुमति संचालित है वहीं हॉस्पिटल में कई सुविधाओं का संचालन भी डॉक्टर कर रहें हैं जबकि वह उनका न तो काम न उनकी योग्यता ही उस काम के लिए वहीं भवन भी बिना अनुज्ञा बिना अनुमति अनापत्ति बनाया गया है। अब ऐसे में सवाल उठता है की क्या बिना अनुमति किसी को भी ऐसी छूट मिल सकती है,भवन यदि नगरपालिका क्षेत्र में बना हुआ है उसमें अस्पताल संचालित है और वह भी बिना किसी तरह की अनुमति नगरपालिका या नगर निवेश से लिए भवन बना है तो यह बड़ा प्रश्न चिन्ह है पूरी व्यवस्था पर क्योंकि एक आम आदमी जब अपना छोटा सा घर बनाने जाता है तब उसे कई तरह के नियम बताकर उसे महीनो अनुमति के लिए घुमाया जाता है और तब वह घर बना पाता है,वैसे शर्मा हॉस्पिटल यदि बिना अनुमति संचालित है बीना अनुज्ञा अनुमति यदि भवन बना हुआ है तो यह सवाल उठता है की क्या किसी राजनीतिक दल से जुड़ा होना नेता होना उन्हे ऐसी अनियमितता की छूट प्रदान करता है। डॉक्टर शर्मा भाजपा से अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं,लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं दो तीन साल से ,सेवा भाव भी जाहिर कर रहें हैं अब क्या वह जनता को इस बात से अवगत कराएंगे की वह खुद एक तरह से अवैध कार्य कर रहे हैं यदि उनके ऊपर लगे आरोप सही हैं।

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