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मुख्यालय मनेंद्गगढ़ के होटलो में पड़ोसा जा रहा है अवैध शराब

क्या प्रशासन और आबकारी विभाग को इसकी सूचना नही? तो आपको बता दें कि प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी प्रशासन इन ढाबों और होटलों के राजनीतिक पहुंच के कारण अपने आप को बौना महसूस कर रहे हैं।

– राजन सिंह चौहान – 

एम.सी.बी/मनेंद्रगढ। के लगभग हर होटलो में मध्य प्रदेश का शराब परोसा जा रहा है। इन दिनों लगातार मनेंद्रगढ़ में अवैध शराब धडल्ले से बेची जा रही है। नेशनल हाईवे से लगे हर छोटे बड़े होटलों में परोसी जा रही है। आपको बता दें कि मिली जानकारी अनुसार यह शराब ज्यादातर सीमावर्ती से लगे मध्यप्रदेश से लाई जाती है। और अहाता के नाम पर होटलों में अवैध तरीके से ऊंचे दामों में बेची जा रही है। आखिर प्रशासन के नाक के नीचे गोरख धंधा होने पर भी क्यों प्रशासन मौन है। सोचनीय विषय है। क्या प्रशासन और आबकारी विभाग को इसकी सूचना नही? तो आपको बता दें कि प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी प्रशासन इन ढाबों और होटलों के राजनीतिक पहुंच के कारण अपने आप को बौना महसूस कर रहे हैं। व्यंगात्मक रुप से यू कहें की जियो और जीने दो की नीति रीति से अभिप्रेरित होकर कानून अब मूकदर्शक बने बैठा है। हमारा तात्पर्य अवैध उगाही से बिलकुल नहीं लेकीन आप सभी जानते है। की यदि कानून के ठेके दार ही इन्हें संरक्षण प्रदान करें तो फिर कानून व्यवस्था कैसे इतनी मजबूत ना बने। ये जितने भी होटल और ढाबे मनेंद्रगढ़ में संचालित किए जा रहे है इनकी जांच और कड़ी कार्यवाही होना बहुत ही आवश्यक है। अन्यथा यह जिला मुख्यालय धीरे धीरे अवैध शराब और अवैध कारोबारियों का मुख्यालय मात्र ही बन कर रह जायेगा। क्या कारण है की आबकारी विभाग के अधिकारी मनेद्रगढ़ मुख्यालय में निवास करते हैं। और इतनी बड़ी मात्रा में यह अवैध शराब का धंधा चल रहा है, रोक लगाने में असमर्थ क्यों है।वहीं पुलिस प्रशासन भी मौन है। क्या कारण है कि एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ मुख्यालय में इतनी बड़ी मात्रा में शराब का व्यापार होटलो से संचालित किया जा रहा है लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं जबकि हर अधिकारियों का कार्यालय मुख्यालय से संचालित होता है। क्या जनमानस यह समझ ले की शासन प्रशासन केवल दिखावा है। सत्य है कहां अवैध शराब माफियाओं पर रोक लगाने में शासन प्रशासन कामयाब हो सकेगी, सोचनी विषय है।

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