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नाला में दबाई गई लाश की गुत्थी सुलझी, पढि़ए इस हत्याकांड में कौन-कौन थे शामिल और कैसे दिया घटना को अंजाम

महिला की हत्या कर बांगो के बुड़बुड़ नाला में दबाई गई लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा लिया है।

कोरबा. पत्नी की हाई प्रोफाइल लाइफ स्टाइल को देखकर पति चरित्र पर संदेह करता था और यही महिला की मौत का कारण बना। हत्या के आरोप में महिला के पति, देवर, चाचा और बोलेरो के चालक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि 19 जुलाई को बांगो थाना क्षेत्र में ग्राम सलिहाभांठा के पास बुड़बुड़ नाले में एक महिला की लाश रेत के नीचे दबी मिली थी। काफी मशक्कत के बाद शव की पहचान कटघोरा की रहने वाली शीला कंवर उम्र 21 साल से हुई थी। लाश बरामद होने के बाद महिला का पति गोलू फरार था। पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस ने गोलू को चोटिया के पास स्थित एक गांव से पकड़ लिया। उसने पूछताछ में अपने भाई और चाचा के साथ मिलकर हत्या (Murder) करना स्वीकार किया।

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि शीला का पति गोलू पेशे से ड्राइवर है। वह गाड़ी लेकर बाहर चला जाता था। शीला कटघोरा में एक भाड़े की मकान में रहती थी। गोलू के घर से बाहर रहने पर शीला दूसरे लोगों के साथ घूमती थी। यह गोलू और उसके परिवार को पसंद नहीं था। गोलू शीला के चरित्र पर संदेह करता था। उसने अपने छोटे भाई और चाचा नरेश के साथ मिलकर शीला की हत्या की योजना बनाई थी। शीला अपने पति से पैसे की मांग रही थी।

पूर्व निर्धारित योजना के तहत 15 जुलाई की शाम लगभग पांच बजे भाड़े की बोलेरो से शीला को लेकर गोलू, उसका नाबालिग भाई और चाचा नरेश सलिहाभांठा के जंगल पहुंचे। गला दबाकर शीला की हत्या कर दी। सिर पर डंडे से हमला किया। लाश की पहचान छिपाने के लिए कपड़े को बाहर निकाल दिया। शव को बुड़बुड़ नाले में दफनाकर फरार हो गए।

चालक ने हत्या करते देखा थापुलिस का आरोप है कि बोलेरो चालक संतोष यादव शीला और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को लेकर गाड़ी में गया था। संतोष शीला की हत्या करते हुए देखा था। लेकिन उसने घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी थी। शव बरामद होने के बाद भी संतोष ने पुलिस को कुछ नहीं बताया। पुलिस ने संतोष को हत्या  में सहभागी माना है। आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूत छिपाने का केस दर्ज किया है।

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