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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने डीजीपी,एसपी को भेजा नोटिस

अंबिकापुर। पंकज बेक मौत मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान में लिया है। अंबिकापुर के पार्षद आलोक दुबे द्वारा की गई शिकायत को आधार बनाकर आयोग ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी व एसपी सरगुजा को नोटिस जारी कर 15 दिवस के भीतर मामले में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आयोग ने कहा है कि यदि निर्धारित समय अवधि में जवाब प्राप्त नहीं होता है तो दोनों अधिकारियों के खिलाफ समन भी जारी किया जा सकता है।

अंबिकापुर के पार्षद आलोक दुबे ने पंकज बेक मौत मामले की निष्पक्ष जांच करा पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को अभियोजित किया जाए। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों के आधार पर प्रकरण की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के आधार पर आयोग के सहायक निदेशक आरके दुबे ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक सरगुजा को नोटिस जारी कर कहा है कि नोटिस प्राप्त होने के 15 दिन के अंदर डाक से या स्वयं उपस्थित होकर या किसी अन्य संचार साधन से सभी तथ्यों तथा आरोपों पर की गई कार्रवाई से संबंधित सूचना प्रस्तुत करें यदि नियत अवधि में आयोग को उत्तर प्राप्त नहीं होता है तो यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के खंड-8 के अंतर्गत आयोग को प्रदत दीवानी अदालत की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है तथा व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक को समन जारी कर सकता है। इस मामले में परिजन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि पंकज बेक की हत्या हुई है। मामले में पुलिस का दावा था कि हिरासत से फरार होने के बाद पंकज बेक ने फांसी लगा ली थी। मामले में न्यायिक जांच भी चल रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री तक पहुंचा था मामला-

केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने भी मामले की शिकायत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी मामले में जांच का आश्वासन मिला था। केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर पूरे प्रकरण की जानकारी ली थी। भाजपा प्रदेश संगठन द्वारा गठित जांच कमेटी ने प्रकरण से जुड़े सारे तथ्यों की जांच रिपोर्ट संगठन को सौंप दी है।

यह था मामला-

13 लाख रुपये चोरी के आरोप पर पंकज बेक व एक अन्य युवक को पूछताछ के लिए पुलिस ने बुलाया था। 21 जुलाई को दोनों युवक गए थे। साइबर सेल शाखा में उनसे पूछताछ की जा रही थी। 21 व 22 जुलाई की दरम्यानी रात कथित रूप से वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। नजदीक के एक निजी अस्पताल परिसर में फांसी पर लटकी उसकी लाश मिली थी। परिजनों का आरोप था कि कई दिनों से पूछताछ के लिए दोनों को बुलाया जा रहा था और दोनों पुलिस को पूरा सहयोग कर रहे थे।

 

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