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डॉ पुनीत गुप्ता को पुलिस का नोटिस, दो दिन में उपस्थित नहीं हुए तो जारी होगा लुकआउट सर्कुलर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेजी से बदले घटनाक्रम के तहत राजधानी रायपुर स्थित डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ पुनीत गुप्ता को पुलिस ने उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस के तहत उन्हें दो दिन के अंदर पुलिस के सामने अपने बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ गुप्ता पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के दामाद हैं।

डॉ गुप्ता के उपस्थित नहीं होने पर पुलिस उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करेगी। इसकी पुष्टि SSP रायपुर शेख आरिफ ने की है। बता दें कि डीकेएस अस्पताल में हुए घोटालों की जांच तेजी से चल रही है। सोमवार को जांच दल के ऑडिटर्स ने मामले से जुड़े दस्तावेजों की ऑडिटिंग शुरू कर दी है। साथ ही पुलिस की टीम भी मामले की जांच में जुटी हुई है। पुलिस कम्प्यूटर में दर्ज जानकारी जुटाने में लगी हुई है।

डीकेएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ केके सहारे ने पुनीत गुप्ता पर डीकेएस अस्पातल में गड़बड़ी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए राजधानी के गोल बाजार थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। शनिवार को भी पुलिस मामले को लेकर डीकेएस अस्पताल में लगभग 6 घंटे तक दस्तावेंजों की जांच करती रही है। इस दौरान जांच करते हुए कई फाइलें और कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त की गई।

इन पर भी आएगी जांच की आंच

तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री, तत्कालीन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा संचालक, तत्कालीन सीजीएमएससी के डायरेक्टर, डीकेएस की वित्त शाखा के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी पर भी जांच की आंच आएगी।

अब तक किसी भी जांच में डॉ. गुप्ता ने नहीं किया सहयोग

पहला नोटिस- डॉ. गुप्ता को अधीक्षक पद से हटाए जाने के बाद उनकी पदस्थापना पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में की गई। वहां जॉइनिंग के बाद उन्होंने इस्तीफा आवक-जावक शाखा में देकर, 1.50 लाख रुपये शासन के खाते में एक माह का वेतन जमा कर चले गए। उन्होंने नो-ड्यूज नहीं दिया। इस पर डीन डॉ. आभा सिंह ने नोटिस दिया, जिसे रिसीव नहीं किया गया। उनका इस्तीफा आज भी स्वीकृत नहीं है।

दूसरा नोटिस- राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आदेश डॉ. गुप्ता को नोटिस जारी कर कहा था कि वे अपना पक्ष रखें। मगर वे उपस्थित नहीं हुए।

तीसरा नोटिस- अब पुलिस ने डॉ. गुप्ता को तलब किया है। डॉ. गुप्ता पर आरोप हैं कि उन्होंने डीकेएस में स्टाफ की भर्ती में मनमानी की, उपकरणों की खरीदी जरूरत से अधिक की और सीधे फर्मों से संपर्क करके की, सारी व्यवस्थाओं को आउटसोर्स किया, निजी कंपनियों को लाभ पहुंचा।

पुलिस की जांच में मददगार साबित होगा महालेखाकार ऑडिट

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महालेखाकार का ऑडिट बीते सात दिनों से जारी है। तीन अफसर हर एक फाइल को बारिकी से देख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इन्हें भी अनियमितताएं मिली हैं। यह ऑडिट तब तक चलेगा जब तक कि अफसर हर एक फाइल का परीक्षण नहीं कर लेते हैं। यह रिपोर्ट पुलिस की जांच में मददगार साबित होगी, क्योंकि यह टेक्नीकल रिपोर्ट है।

पुलिस हर किसी को अपना पक्ष रखने का अवसर देती है, व्यक्ति आए तो ठीक नहीं आए तो ठीक। नहीं आने पर विवेचना में जो भी पाया जाएगा,उसके आधार पर कार्रवाई होगी। (क्या डॉ. गुप्ता गिरफ्तार हो सकते हैं, बोले…) डेफिनेटली। – नसर सिद्दिकी, सीएसपी आजाद चौक 

 

 

 

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