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कुर्सी का मोह… निलंबन के बाद भी डॉ आरएस बघेल कुर्सी में?

राजन सिंह चौहान______

कोरिया। पिछले 7 अक्टूबर को निलंबन आदेश जारी हो चुका है आदेश निकले 15 दिन भी चुके हैं इसके बावजूद डिप्टी डायरेक्टर डॉ आर एस बघेल उपसंचालक पशु विभाग की कुर्सी पर विराजमान है और शासन के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं यही नहीं बकायदा शासकीय कार्य करते आज भी नजर आ रहे हैं।

निलंबन आदेश जारी होने के बाद भी अंजान बने डॉक्टर बघेल खुद को आज भी उपसंचालक मान शासकीय कामकाजो का संचालन ऐसे कर रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं… निलंबित अधिकारी के कुर्सी पर बैठ इस तरह कार्य करने की चर्चा विभाग से लेकर पूरे जिले में आज जोरों का विषय बन गया है

उल्लेखनीय है कि कोरिया जिले के पशुपालन विभाग में पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर डॉ आर एस बघेल को उनके कोरबा जिले में पदस्थापना के दौरान किए गए अनियमितता के बाद बीते 7 अक्टूबर को इन्हें शासन ने निलंबित कर संचनालय पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर अटैच कर दिया गया है. आदेश जारी के 15 दिन बीत गए लेकिन डॉक्टर बघेल अभी डिप्टी डायरेक्टर की कुर्सी में ऐसे चिपके हैं जैसे कुर्सी उनके घर की हो… अपने निलंबन से जानबूझकर अनजान बने डॉक्टर बघेल अभी तक वाहन का उपयोग सहित कर्मचारियों से वैसे ही कार्य ले रहे हैं जैसे डिप्टी डायरेक्टर रहने के दौरान रूतबे से लिया करते थे।

इनके द्वारा खुलेआम सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है

प्राप्त जानकारी के अनुसार इनके द्वारा निलंबन अवधि में भी कार्यालयइन दस्तावेजों में उप संचालक के स्थान पर हस्ताक्षर कर रहे हैं यही नहीं विगत दिवस कलेक्टर कोरिया को प्रेषित नोटशीट में इन्होंने कुछ गलत जानकारी देकर कलेक्टर को भ्रमित करने का प्रयास किया है जो जांच का विषय है।

आपको बता दें कि डॉक्टर बघेल द्वारा कोरिया में भी पशु औषधि सहित अन्य उपकरणों की खरीदी में भारी अनियमितता किया गया है साथ ही कई जगहों पर डेयरी फार्म के आड़ में फर्जी लोन भी स्वीकृति अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से एक मुस्त करवाया गया है जबकि उस स्थान पर डेरिफार्म है ही नही… और ना ही गाय भैस…?

देखें video___

कोरिया जिले में वैटनरी विभाग व बैंक की मिली भगत से डेरी फार्म के नाम से 31 लाख रुपये का किया गया गबन…

उक्त स्थान पर ना डेरिफार्म, ना ही एक भी गाय भैस……..?

लगातार शिकायत के बाद मामला विधानसभा तक पहुंचा शासन स्तर से शिकायतों पर दो बार जांच टीम भी कोरिया इनके करतूतों की जांच करने पहुंची और जांच कर चली भी गई लेकिन नतीजा अभी तक कुछ भी नहीं आया है।

ऐसे में डॉक्टर बघेल का दफ्तर में बैठना कई संदेशों को जन्म देता है। जानबूझकर कार्यालय में इनके बैठने के पीछे की मंशा को शासन को अविलंब संज्ञान में लेना चाहिए नहीं तो अपने कार्यगुजारियो पर परदा डालने डॉक्टर बघेल कार्यालय में रखे जरूरी दस्तावेजों से छेड़छाड़ भी कर सकते हैं।

वहीं विभागीय मंत्री ने भी पूरे मामले को जानने के बाद पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। डेयरी फार्म की आड़ में 31 लाख रुपये के गबन को भी गंभीरता से लिया है वही उनके द्वारा बताया गया कि जो जो भी अधिकारी इस पूरे मामले में दोषी होंगे उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा

अब देखना यह होगा कि डॉ आर एस बघेल कोरिया जिला की उस कुर्सी का मोह छोड़ पाते हैं या नहीं……….

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