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भाजपा ने दी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के घेराव व भूख हड़ताल की चेतावनी…

पूर्व मंत्री की शिकायत पर 11 दिनों के बाद भी कोई कार्यवाही नही...

राजन सिंह चौहान “संपादक”

कोरिया बैकुंठपुर। पूर्व केबिनेट मंत्री की लिखित शिकायत के 11 दिन बाद भी कोरिया पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही किये जाने से ज़िले में पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सिटी कोतवाली के बाद पुलिस अधीक्षक कोरिया को तथ्यात्मक शिकायत के बावजूद कोरिया पुलिस मामला पंजीबद्ध करने की बजाय जांच के नाम पर मामले को लटकाये हुए है। कार्यवाही ना होने पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने भाजपा संगठन के साथ अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय के घेराव व भूख हड़ताल की बात कही है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर सत्ता के दबाव में कार्यवाही ना करने का भी आरोप कोरिया पुलिस पर लगाया है।
विदित हो कि भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े की छवि को धूमिल करने के लिए वीडियो को एडिट कर अश्लील बनाकर शोसल मीडिया में प्रसारित करने एवं सार्वजनिक रुप से कार्यक्रम कर अभद्र एवं अमर्यादित कृत्यों एवं शब्दों की लिखित शिकायत बैकुण्ठपुर थाने मे एवं पुलिस अधीक्षक कोरिया से की गई थी। किंतु शिकायत करने के 11 दिन बीत जाने के बावजूद आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की गई है।
पूर्व मंत्री द्वारा 11 जनवरी 2023 को जनपद पंचायत बैकुंठपुर के घेराव के दौरान दिए गए बयान को शोसल मीडिया एवं विभिन्न प्रचार माध्यम से प्रसारित किया गया, एवं उस पोस्ट पर अपमानजनक टिप्पणी की गई। टिप्पणी करने वालों के नाम एवं उनके द्वारा की गई टिप्पणी को प्रमाण सहित बैकुण्ठपुर थाने में एवं पुलिस अधीक्षक कोरिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया। फिर भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके अलावा 13 जनवरी 2023 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा बगैर अनुमति लिए शहर के घड़ी चौक एवं नगर पालिका काम्पलेक्स के पास पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े का पुतला दहन कार्यक्रम एवं शव यात्रा निकालने के साथ आमसभा माध्यम से अभद्र भाषा के साथ नारेबाजी कर कार्यकम किया गया। कोरिया पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी जिला कोरिया द्वारा गत दिनों आमसभा एवं विधायक निवास घेराव कर विरोध प्रकट किया था। साथ ही प्रशासन से अनुरोध किया गया था कि दोषियो पर शिघ्र ही कड़ी कार्यवाही की जाए। लेकिन बावजूद इसके पुलिस प्रशासन के कान पर जूं नही रेंगी। जिसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव, भूख हड़ताल व आगे और भी उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने एक पत्रकार पर वीडियो एडिटिंग कर गलत तरीके से वीडियो चलाने का आरोप लगाए हैं। उस पर आज तक कोरिया पुलिस अपराध पंजीबद्ध नहीं कर पाई। ऐसा माना जा रहा है कि वह पत्रकार सत्ता पक्ष का समर्थित है इसलिए पुलिस उस पर कार्यवाही नहीं कर रही है। पूरे घटनाक्रम की शुरुआत बैकुंठपुर विधायक को लेकर की गई टिप्पणी से हुई, जो पूर्व मंत्री ने की थी। जिसमें बयान जारी जार पूर्व मंत्री ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने खाली शब्द का प्रयोग किया था। और जो वीडियो को देख कर सुना भी जा सकता है। जिसे गाली के रूप में साबित कर पूर्व मंत्री का पुतला दहन किया गया उनकी शवयात्रा कांग्रेस पार्टी के द्वारा निकाली गई। मामले में पूर्व मंत्री ने जांच की मांग करते हुए एक पत्रकार पर वीडियो को एडिट करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने मामले में पत्रकार पर अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की है। वहीं उन्होंने जिले का राजनैतिक माहौल खराब करने का भी आरोप पत्रकार पर लगाया है। पुलिस को दी गई शिकायत के बाद भी उक्त पत्रकार पर मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया है। मामला क्यों पंजीबद्ध नहीं किया गया यह एक बड़ा सवाल है। क्योंकि शिकायत पूर्व मंत्री की तरफ से की गई है। इस मामले से आम जनमानस में चर्चा है कि पूर्व मंत्री की शिकायत पर मामला पंजीबद्ध नहीं हो पा रहा है ,तो आम आदमी को न्याय कहाँ से मिलेगा?
पूर्व मंत्री ने एक पत्रकार पर आरोप लगाया है की उनके बयान को पत्रकार ने एडिट किया और उसे गलत तरीके से पेश किया। जिसकी वजह से विधायक समर्थकों सहित कांग्रेसियों ने उनका पुतला दहन किया और उनकी शवयात्रा निकाली। पत्रकार के इस कृत्य से जिले का राजनैतिक माहौल खराब हुआ और पूर्व मंत्री ने अपनी मान प्रतिष्ठा पर भी इसे प्रहार बताते हुए पत्रकार पर कार्यवाही की मांग की है। पुलिस जांच के नाम पर उक्त शिकायत पर मौन साधे बैठी है। जब पूर्व मंत्री की शिकायत पर पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही है। तो समझा जा सकता है की जिले की कानून व्यवस्था की क्या हालत है और आम आदमी को न्याय पाना कितना कठिन है।
जनचर्चा है कि पत्रकार पर पुलिस कार्यवाही इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि पत्रकार सत्ता पक्ष के समर्थक हैं और विधायक के करीबी हैं। वैसे सवाल यह उठता है की क्या सत्ताधारी दल के विधायक के खास होने मात्र से कार्यवाही से बचा जा सकता है क्या? यदि हां तब तो कानून व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। वहीं पूरे मामले में पुलिस का कहना कि मामले की जांच की जा रही है। दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं। विवेचना के बाद अगली कार्यवाही की जाएगी।

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