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मीटिंग में भड़क गए सीएम भूपेश, बैंक के सीईओ और मैनेजर को भरी महफिल में दी ये सजा, विद्युत विभाग के सीई को लगाई फटकार

सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में एक्शन में दिखे सीएम, अविभाजित सरगुजा में आए दिन बिजली गुल होने की समस्या पर भी दिखे नाराज

राजन सिंह चौहान
अंबिकापुर/ सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक सोमवार को भारी अव्यवस्था के बीच शुरू हुई। पहली बार बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों के समक्ष समस्याएं बताने को कहा गया तो उन्होंने शिकायत का पिटारा खोल डाला। अपने निर्धारित समय से लगभग 2 घंटे देर से बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे।

बैठक के लिए एक घंटे का समय निर्धारित किया गया था लेकिन बैठक 3 घंटे से भी अधिक समय तक चली। बैठक में सहकारी बैंक अधिकारी द्वारा केसीसी बनाने, कर्ज माफी की एनओसी देने व अन्य सुविधाओं के लिए कमीशन की मांग किए जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री भड़क गए।

उन्होंने जिला सहकारी एवं केंद्रीय मर्यादित बैंक अंबिकापुर के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर व चिरमिरी के सहकारी बैंक मैनेजर सोनसाय को तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं बार-बार बिजली गुल होने पर जमकर सीई को फटकार लगाई। कृषि ऋण में किसानों को हो रही दिक्कतों के मद्देनजर कलक्टरों को भी चेतावनी दी।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहली बार सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्राधिकरण के अध्यक्ष खेलसाय सिंह, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, सीतापुर विधायक अमरजीत भगत, बृहस्पति सिंह, पारसनाथ राजवाड़े, कोरिया विधायक अंबिका सिंहदेव, विनय जायसवाल के आतिथ्य में आयोजित की गई।


पहली बार आयोजित बैठक का स्वरूप पूरी तरह से बदला हुआ था। बैठक में समस्या लिखकर देने को नहीं, बल्कि सबके सामने को कहा गया। इसका असर यह दिखा कि जो बैठक 1 घंटे में समाप्त होनी थी, वह लगभग 3 घंटे से भी अधिक समय तक चली। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंक से किसानों को कृषि ऋण लेने में हो रही असुविधा की शिकायत पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक अम्बिकापुर के सीइओ श्रीकांत चंन्द्राकर और चिरमिरी के मैनेजर को तत्काल निलंबित कर दिया।

बिजली विभाग के आला अधिकारी को लगाई फटकार
सरगुजा सहित आसपास के क्षेत्र में बिजली गुल होने की गम्भीर समस्या है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी शिकायत की। इसे गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद विभाग के सीई बजरंगी मिश्रा की जमकर क्लास ली।

उन्होंने सीई को स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिजली गुल होने की समस्या पर जवाबदारी तय करें नहीं तो अगली बार आपके ऊपर कार्रवाई की जाएगी। जवाबदार अधिकारी के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिए।

खसरा के साथ बने जाति प्रमाण-पत्र
बैठक में खसरा बनाने में हमेशा सर्वर डाउन होने का हवाला देते हुए शिकायत की गई। इसकी वजह से किसान समय पर काम नही कर पा रहे हैं। समय पर जाति व खसरा प्रमाण पत्र नहीं बन पाने की वजह से किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करने की बात कही और कहा कि खसरा-बी वन के साथ ही जाति प्रमाण पत्र भी बनाने का काम किया जाए।

सड़क के मामले में काफी पिछड़ा है सरगुजा
सीएम ने कहा कि सड़क के मामले में सरगुजा काफी पिछड़ा है। उन्होंने रायपुर से आए अधिकारियों को इस संबंध में संज्ञान लेने को कहा। मैनपाट में जंगल की कटाई पर उन्होंने चिंता जाहिर की। इसके साथ ही कुसमी व चांदो में एक भी एम्बुलेंस नहीं होने पर वहां के विधायक चिंतामणि सिंह ने चिंता जाहिर की। इस पर सीएम ने वहां पर्याप्त संख्या में वाहन की उपलब्धता करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

जीरो इयर घोषित होने पर टीएस ने जताई शर्मिंदगी
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मेडिकल कॉलेज को जीरो इयर घोषित किए जाने पर शर्मिंदगी जाहिर की। उन्होंने बैठक में कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका निर्वहन वे ठीक से नहीं कर सके हैं। इस संबंध में सरगुजा सांसद से भी चर्चा की गई है और जल्द ही एक बार फिर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा जाएगा।

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