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Video/ साल-2013 से हमारी लड़ाई शुरू हुई थी और तब तक चैन से नहीं बैठे जब तक राज्य में सत्ता परिवर्तन नहीं हो गया :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।

राजन सिंह चौहान

रायपुर:  छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष मोहन मरकाम के पद‌भार ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया इसमें वर्तमान पीसीसी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना चार्ज मोहन मरकाम को देने से पहले भावुक हो गए अपने संबोधन के दौरान माइक डेस्क पर उनकी आखों से आंसू छलक कर गिर पड़े मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब मुझे राहुल गांधी ने पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी दी थी, तब उस समय हम चुनाव हार रहे थे, आगे किस तरह से चुनाव लड़ना है, इसकी रणनीति तय की गई और साल-2013 से लड़ाई शुरू हुई और तब तक चैन से नहीं बैठे जब तक राज्य में सत्ता परिवर्तन नहीं हो गया।

जब रो पड़े भूपेश बघेल
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आपको बता दें कि भूपेश बघेल साल-2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए थे वहीं दिसंबर 2018 में राज्य में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जताया सबका आभार :-
पीसीसी अध्यक्ष पद के रूप में अपने अंतिम संबोधन में भूपेश बघेल ने सभी लोगों का आभार जताया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर लड़ाई लड़ी और सफलता मिली हर एक का सहयोग मिला उन्होंने मंच से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पीएल पुनिया और मोहन मरकाम के जिंदाबाद के नारे लगाए।

विधायक मोहन मरकाम ने किया नये पीसीसी अध्यक्ष का पदभार ग्रहण।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नये अध्यक्ष के रूप में कोंडागांव सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने आदिवासी नेता मोहन मरकाम ने पदभार ग्रहण कर लिया है प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन रायपुर में आज शनिवार की दोपहर को पदभार ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया पदभार ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री व तात्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल का संबोधन शुरू हुआ इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भावुक हो गए और उनके आखों से आंसू भी छलके भूपेश बघेल ने अध्यक्ष रहते अपने साढ़े पांच साल के अनुभव को बांटा। नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ मोहन मरकाम ने भी राजीव भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया मोहन मरकाम ने कहा – “मैं श्रीमद्भागवत गीता सार को हमेशा अनुसरण करता हूं” कर्म करो फल की चिंता ना करो, हमारा कोई गाॅड फादर नहीं है आज का मेरे लिए सबसे बड़ा दिन है इतनी पुरानी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका मिला मुझे यह मेरे लिए बहुत बड़े गर्व की बात है।

हर आंदोलन में कांग्रेस के साथ रहा :- 
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मैं सभी आंदोलनों में साथ रहा टीएस सिंहदेव के मार्ग दर्शन में काम किया जायेगा आपको बता दें कि इससे पहले अध्यक्ष पद के लिए नाम तय होने के बाद कल बीते शुक्रवार को मीडिया से चर्चा में कहा था कि बस्तर के आदिवासी को पहली बार कांग्रेस ने प्रदेश संगठन की कमान सौंपी है। इस जिम्मेदारी को हम बखूबी निभाएंगे लोकसभा चुनाव-2019 में मोदी लहर के बाद भी बस्तर के कोंडागांव में कांग्रेस प्रत्याशी को बारह हजार से ज्यादा वोटों से लीड मिली थी पार्टी के संघर्ष में मैं साथ रहा हूं सत्ता और संगठन के साथ मिलकर काम करूंगा।

बूथ स्तर पर काम करूंगा :- 
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से चर्चा में मैंने अपनी बात रखी थी उन्होंने मुझपर भरोसा जताया है प्रदेश के सभी बड़े नेताओं ने मेरा साथ दिया मैं संगठन को मजबूत बनाने का काम करूंगा इसके लिए बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा बस्तर में आंदोलनरत आदिवासियों को कांग्रेस के पक्ष में करने का काम किया जाएगा।

प्रदेश प्रभारी पीएल पुलिया ने मौजूदा मंत्रियों को दी नसीहत :-
पीसीसी चीफ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने बड़ा बयान दिया पुनिया ने कहा कि यह मत समझें कि मंत्री पांच साल के लिए हैं समय-समय पर समीक्षा होगी फिर निर्णय लिए जाएंगे निर्णय लेने का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को होगा हमारे पास कई वरिष्ठ विधायक हैं।

बस्तर का हर एक बच्चा शेर होता है :- 
पीसीसी चीफ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी मोहन मरकाम को नसीहत दी डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि विपक्ष में थे तो कंधे से कंधे मिला कर चलते थे, लेकिन अब दिल से दिल मिलाकर चलना होगा, डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि बस्तर का हर एक बच्चा शेर होता है।

पीसीसी अध्यक्ष रहते भूपेश बघेल की तीन सबसे बड़ी उपलब्धियां विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गिनाई।

छत्तीसगढ़ की मौजूदा राजनीति में सबसे बड़े किरदारों में एक सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज 29 जून 2019 को एक बड़ी जिम्मेदारी से मुक्त हुए वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी {पीसीसी अध्यक्ष} के पद से कार्यमुक्त हो गए हैं। अब बस्तर के कोंडागांव से विधायक मोहन मरकाम प्रदेश के नये पीसीसी चीफ हैं। साढ़े पांच साल पीसीसी चीफ रहते भूपेश बघेल के नाम कई उपलब्धियां जुड़ीं हैं। नये प्रदेश अध्यक्ष के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भूपेश बघेल की तीन बड़ी उपलब्धियां बताई और राजीव भवन रायपुर का सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जानते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उन तीन बड़ी उपलब्धियों के बारे में, जिनकी चर्चा मात्र ने ही खूब तालियां बटोरीं।

{01} अजीत जोगी के विरुद्ध कार्रवाई :- 
साल-2014 में अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की ख़रीद फ़रोख़्त के मामले में जिस तरह से भूपेश बघेल ने अपनी ही पार्टी के कद्दावर नेता अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को घेरा और फिर अमित जोगी को पार्टी से निष्कासित किया उसके बाद प्रदेश में यह धारणा बन गई कि भूपेश बघेल हिम्मत वाले नेता तो हैं क्योंकि पहले कांग्रेस में दो गुट में काम होता था एक संगठन कांग्रेस और दूसरा जोगी कांग्रेस कांग्रेस के दिग्गज नेता भी जोगी के खिलाफ खुलकर नहीं बोलते थे जून साल-2015 में अजीत जोगी ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी डॉ. चरणदास महंत ने इसे भी बड़ी उपलब्धि माना है।

{02} प्रदेश कांग्रेस भवन का निर्माण :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते ही रायपुर के शंकर नगर टर्निंग प्वाइंट पर नया प्रदेश कार्यालय भवन बनाया इस भव्य भवन को “राजीव भवन” का नाम दिया गया है साल-2018 विधानसभा चुनाव का संचालन कांग्रेस ने इसी भवन से किया था भूपेश बघेल ने अपने भाषण में कहा कि पाई-पाई जोड़कर कांग्रेस का नया भवन बनाया गया इससे पहले गांधी मैदान रायपुर स्थित भवन में प्रदेश कांग्रेस का मुख्य कार्यालय हुआ करता था डॉ. चरणदास महंत ने इसे भी बड़ी उपलब्धि बताई।

{03} कांग्रेस को पहनाया सत्ता का ताज :- 
सूबे में 15 सालों तक सत्ता का वनवास काटने वाली कांग्रेस ने साल-2018 के विधानसभा चुनाव में इतिहास रचा इस चुनाव में कांग्रेस को कुल 90 में से 68 सीटों पर जीत मिली। राज्य बनने के बाद पहली बार किसी भी दल को इतना जनाधार मिला कांग्रेस की इस जीत का मुख्य नायक भूपेश बघेल को माना गया है और उन्हें आला कमान ने कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकार का मुखिया बना दिया। छत्तीसगढ़ में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने साल-2013 में हार की हैट्रिक से हताश हो चुकी कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हुए थे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसे बड़ी उपलब्धि बताई।

मंत्री अमरजीत भगत को मिली योजना, खाद्य और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी, इससे पहले सीएम भूपेश और इन दो मंत्रियों के पास थे ये विभाग

भूपेश मंत्रिमंडल में अमरजीत भगत ने 13वें मंत्री के तौर पर शनिवार को शपथ ले लिया है. अमरजीत को योजना, खाद्य और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने सौंपी है. सीएम भूपेश बघेल ने अपने पास से योजना, मंत्री मोहम्मद अकबर से खाद्य और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से संस्कृति विभाग लेकर अमरजीत भगत को दिए हैं.

शनिवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अमरजीत भगत को शाम 7 बजे शपथ दिलाई है. सीतापुर विधायक अमरजीत भगत भूपेश मंत्रिमंडल में टीएस सिंहदेव और प्रेमसाय सिंह टेकाम के बाद सरगुजा क्षेत्र से तीसरे मंत्री चुने गए हैं. भगत भूपेश सरकार के 13 वें मंत्री बने हैं. उनके शपथ समारोह में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

अमरजीत भगत का राजनीतिक सफर

अमरजीत सिंह भगत को कांग्रेस पार्टी ने पहली बार 2003 के विधानसभा चुनाव में सीतापुर से मैदान में उतारा. इस चुनाव में अमरजीत ने बीजेपी प्रत्याशी राजाराम भगत को हराया और पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2008 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के गणेशराम भगत, 2013 के चुनाव में बीजेपी के राजाराम भगत और 2018 के चुनाव में बीजेपी के ही प्रत्याशी गोपाल राम को हराया और लगातार चौथी बार विधायक बने है. अमरजीत वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश आदिवासी समाज के अध्यक्ष हैं. इससे पहले वे यूथ कांग्रेस और आदिवासी विकास परिषद में भी प्रमुख जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. सरगुजा में कांग्रेस को फिर से मजबूत करने में इनकी भूमिका अहम मानी जाती है.

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