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चिरमिरी में पट्टा वितरण समय सीमा मे हो – महापौर

राजीव गॉंधी आश्रय योजना के तहत् चिरमिरी में पट्टा दिलाने हेतु पहल शुरू)

चिरमिरी में पलायन रूकेगी और स्थायित्व  का सपना होगा पूरा

चिरमिरी – कोयलांचल चिरमिरी में हो रहे पलायन के कारण लगातार गिर रहे जनसंख्या के कारण यहॉं के स्थायित्व हेतु लगातार कई वर्षों से हो रहे प्रयास अब छत्तीसगढ़ सरकार के जन कल्याणकारी योजना “राजीव गॉंधी आश्रय योजना” के आ जाने से अब वर्षों पुराना एक सपना साकार होने जा रहा है। इसके लिए चिरमिरी नगरपालिक निगम ने युद्ध स्तर पर अपने अभियान को अमली जामा पहनाने की बीडा का बखूबी निर्वहन कर रहा है।

चिरमिरी एवं चिरमिरी जैसे दूसरे कोयला क्षेत्रों के लिए यह एक संजीवनी का काम कर रहा है। कभी नहीं हो पाने जैसा लगने वाला एक बड़ा एवं नागरिकों के लिए अत्यंत जरूरत वाला पट्टा अभियान अब जमीनी स्तर पर साकार होने जा रहा है। इस सम्बंध में थोडे़ वर्षों पूर्व नम्बर 2015 में जब महापौर के. डोमरू रेड्डी द्वारा बैकुण्ठपुर में आयोजित हुए सरगुजा विकास प्राधिकरण की 20वीं बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष चिरमिरी में एस0ई0सी0एल0 के अनुपयोगी जमीनों को चिन्हांकित कर राज्य सरकार को वापस करने की मॉंग उठाई गई थी, तब सरकार के दिशा-निर्देर्शों पर पहली बार कोयला क्षेत्रों की ओर ऐसा पहल प्रारम्भ हुआ था। जो अब नये सरकार के गठन के बाद तेजी से आगे बढ़ा है और भूपेश सरकार के एक क्रान्तिकारी फैसले से चिरमिरी में भी लोगों को पट्टा मिलना प्रारम्भ हो रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार के इस बडे़ एवं जनता से सीधे सरोकार रखने वाले बेहद जरूरत के इस पट्टा अभियान को धरातल पर सच साबित करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए महापौर के. डोमरू रेड्डी ने चिरमिरी के परिपेक्ष्य में योजना के संदर्भ में बताया कि राजीव गॉंधी आश्रय योजना में सरकारी जमीन पर बसे शहरी आवासहीन व्यक्तियों के लिए स्थाई व्यवस्थापन हेतु 19 नवम्बर 2018 को निवासरत झुग्गीवासियों जिनके पास आवास का स्थाई पट्टा नहीं है, उनके लिए स्थाई पट्टा देने का यह अभिनव योजना चिरमिरी एवं चिरमिरी जैसे दूसरे कोयला क्षेत्रों के निवासियों के लिए सरकार की ओर से अपने घर परिवार को स्थाई बसाहट के साथ अपना पट्टे के घर का अधिकार दिलाना एक राहत भरा काम है। जिससे कोयला क्षेत्रों में निवासरत लोगों को अपने घरों का मालिकाना हक मिल सकेगा। चिरमिरी नगरपालिक निगम क्षेत्र में 700 वर्ग फुट का पट्टा दिया जायेगा, जबकि नगर पंचायत क्षेत्रों में 1000 वर्ग फुट एवं नगर पालिका क्षेत्रों में 800 वर्ग फुट का पट्टे दिये जाने का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। इस संदर्भ में शासन के दिशा-निर्देशों के तहत् झुग्गीबस्तियों के व्यापक सर्वेक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में सर्वेक्षण दल बनाये गये हैं, जिनके माध्यम से नगर निगम क्षेत्र चिरमिरी मे एस0डी0एम0 पी.व्ही. खेस एवं निगम आयुक्त सुश्री सुमन राज, तहसीलदार अशोक सिंह, श्रीमती ऋचा सिंह के संयुक्त टीम के पर्यवेक्षण मे गठित विभिन्न दलों के द्वारा यह कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।

महापौर ने सरकार की इस योजना के संदर्भ में चर्चा करते हुए बताया कि राज्य सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अधिनियम के अन्तर्गत् प्रदत्त पट्टाधृति अधिकार के पट्टों को भूमि-स्वामी अधिकार में परिवर्तित किया जावे। इसके साथ ही पट्टाधारी को प्रद्त्त पट्टे के कब्जे वाली अतिरिक्त भूमि को निर्धारित सीमा तक नियमितीकरण, अवैध/अनियमित पट्टे हस्तांतरण के मामलों का नियमितीकरण तथा भूमि उपयोग के प्रयोजन में परिवर्तन का नियमितीकरण करते हुए भूमि स्‍वामी अधिकार प्रदान किया जावेगा। महापौर ने जिला प्रशासन के द्वारा चलाये जा रहे इस सम्पूर्ण अभियान में प्रसन्नता जाहिर करते हुए चिरमिरी के स्थायित्व के दिशा में हो रहे ठोस प्रयासों के लिए कलेक्टर, एस0डी0एम0, तहसीलदार एवं राजस्व नीरिक्षक महेन्द्र सिंह, शालिन्द्र यादव, समस्त पटवारीगण तथा नगर निगम दस्ता में सम्मिलित समस्त सम्बंधित अधिकारी-कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। गौरतलब है कि चिरमिरी में अब तक के हुए सर्वे में बड़ा बाजार क्षेत्र में – 341, हल्दीबाड़ी क्षेत्र में – 250, छोटाबाजार क्षेत्र में – 237 तथा पोंडी क्षेत्र में – 24 हितग्राहियों का सर्वे हो चुका है एवं आगे सर्वे कार्य प्रगति पर है। श्री रेड्डी ने शहर की जनता से अपील करते हुए भी कहा है कि हमारी टीम अपने-अपने स्तर पर इस अभियान के लिए सर्वे का कार्य कर रही है, फिर भी यदि कहीं कोई चूक या कमी दिखती हो, तो वे अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, हम से या नगर निगम कार्यालय में अपनी शिकायत या सुझाव अवश्यय दर्ज करायें, जिससे कि सम्पूर्ण चिरमिरी क्षेत्र के रहवासियों के लिए हम अपने जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से कर पायें और लोगों को इसका समुचित लाभ दिलाया जा सके ।
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“(एसईसीएल के जमीनों पर बसे लोगों के पट्टे के लिए भी प्रयास तेज)”
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चिरमिरी के स्थायित्व दिलाने के प्रण के साथ अपने शहर चिरमिरी के बसाहट को स्थायित्व करने की दिशा में अपने पूरे कार्यकाल में सक्रिय रहे महापौर के. डोमरू रेड्डी ने शहरवासियों को आश्वस्थ करते यह भी कहा है कि वर्तमान में चल रहे इस अभियान में शासन के नियम कानूनों के तहत् शासकीय भूमि पर बसे लोगों को जितने पट्टे मिल सकेंगे, वो तो ठीक है और हम लगे हैं कि ज़्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ दिला पायें। जो बचेंगे उनके लिए मेरा पहल अनवरत् जारी है और एसईसीएल के लीज वाली ज़मीनों को वापिस लेने की भी कार्यवाही जारी है, आने वाले दिनों में हम उन लोगों के आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों को भी प्रशासन के मार्फत आँकलन कर मालिकाना हक दिलवायेगें। इस सम्बंध में उन्होने कहा है कि कोरिया, गेल्हापानी एवं पोड़ी कालरी के कोयला निकल चुके लीज भूमि को वापसी की कार्यवाही प्रारम्भ है। जिसके तारतम्य में कलेक्टर को प्रेषित पत्र क्रमांक 380 दिनॉंक 03.06.2019 एवं पत्र क्रमांक 450 दिनॉंक 13.08.2019 पर कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, जिला-कोरिया (छ0ग0) के आदेश क्रमांक/8020/भू-अर्जन/स.गठन/2019 बैकुठपुर दिनाँक 25.09.2019 द्वारा महाप्रबन्ध्क एस.ई.सी.एल. क्षेत्र की रिक्त. जमीनों का सीमांकन एवं अनुपयोगी जमीनों को वापस कर विकास कार्यों को मूर्त रूप दिये जाने के सम्बंध में समिति का गठन किया गया है। जिसमें प्रमुख रूप से एस.ई.सी.एल. चिरमिरी क्षेत्र को स्वीकृत लीज क्षेत्र में ही कोयला उत्खनन किया जा रहा है या नहीं, इसका मिलान भैतिक सत्यापन किए जाने, कोयला दोहन से रिक्त हुई भूमि का स्वीकृत लीज का मिलान करने, रिक्त भूमि चिन्हांकित किए जाने, अनुपयोगी भूमि/कॉलोनियों का चिन्हांकन कर एम.सी.आर. एवं सी.बी. एक्ट के तहत् निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु भूमि नगर निगम, चिरमिरी के उपयोग हेतु आबंटन किए जाने, रिक्त भूमि एवं रिक्त. एस.ई.सी.एल. की कॉलोनियों का चिन्हांकन कर उसे प्रशासन को वापस लौटाने सम्बन्धित कार्यवाही हेतु समिति का गठन किया गया है, जिस पर समिति अपनी रिपोर्ट एक माह के भीतर प्रस्तुत करेगी

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