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पूर्व महापौर द्वारा चिरमिरी के सन्दर्भ में किये माँगों पर विस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कृषि मंत्री सहित नगरीय प्रशासन मंत्री को लिखा पत्र

प्रदेश के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे को मृदा परीक्षण सहित कृषि के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सम्भावनाओं को तलाशने तथा नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया को शहरी क्षेत्रों के पट्टा वितरण में लागू 150% प्रब्याजी कर को समाप्त करने नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को लिखा है पत्र

चिरिमिरी । पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी द्वारा अपने शहर चिरमिरी के समस्याओं के निराकरण की दिशा में किये दो अलग – अलग मांगों पर छतीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे को अर्धशासकीय पत्र जारी कर चिरमिरी में एसईसीएल के कोयला निकाल चुके क्षेत्रों के रिक्त पड़ी भूमि पर उत्कृष्ठ रूप से कृषि कार्य हेतु मृदा परीक्षण सहित कृषि के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सम्भावनाओं को तलाशने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।

वहीं दूसरे पत्र में शहरी आबादी वाले भूमि पर दिए जा रहे राजीव गाँधी आश्रय पट्टा वितरण योजना में वर्तमान समय में लागू 150% प्रब्याजी कर को समाप्त करने हेतु भी नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को आवश्यक पहल करने हेतु कहा है। ज्ञात हो कि कुछ दिनों पूर्व ही अपने रायपुर प्रवास के दौरान श्री रेड्डी ने डॉ. चरणदास महंत से मिलकर चिरमिरी में निवासरत अतिक्रमित भूमि व्यवस्थान व शासकीय भूमि के आबंटन में लागू वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए बताया गया हैं कि वर्तमान समय में 150 प्रतिशत प्रब्याजी कर लगाए जाने से सम्पत्ति के मूल्य से अधिक टैक्स लगने से लोगो को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसे समाप्त अथवा कम किया जाना अत्यावश्यक है जिससे आमजन को प्रदत्त इस सुविधा का लाभ सभी आयवर्ग के लोगों को मिल सके।

इसके अलावा डॉ. महन्त से पिछले सप्ताह हुए इस मुलाकात में उन्होंने चर्चा करते हुए यह भी अवगत कराया था कि चिरमिरी में उपलब्ध भूमि में कृषि कार्य हेतु संभावनाओं की तलाश हेतु विशेषज्ञों की टीम भेजकर आवश्यक कार्यवाही करने की ज़रूरत है। अपने मांग के पक्ष में तर्क देते हुए पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने कहा है कि हमारा यह चिरमिरी शहर एक कोयला उत्पादक क्षेत्र होने के साथ ही पहाड़ीनुमा प्राकृतिक सुन्दरता का पात्र होने के कारण राज्य सरकार द्वारा पर्यटन शहर के रूप में चिन्हांकित भी किया गया है। यहां प्राकृतिक रूप से विद्यमान कोयले के स्त्रोतों के लगातार कम होने के कारण रोजगार के अवसर की भारी कमी हो रही है। जिस स्थिति को ध्यान में रखते हुये क्षेत्र में कृषि कार्य एवं कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। जिस आधार पर डॉ. महंत ने कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे को लिखे अर्धशासकीय पत्र में पूर्व महापौर के. डोमरू रेड्डी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधितों को निर्देशित करने की बात कही है। श्री रेड्डी ने अपनी माँगों पर डॉक्टर महन्त के द्वारा पत्राचार कर क्षेत्र के समस्याओं को दूर करने में हस्तक्षेप करने पर प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए उन्हें आभार व्यक्त किया है।

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