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डीजीपी ने फाइनेंस कंपनियां को गुंडों जरिये वाहन जप्ती को बताया गैर-कानूनी,क़िस्त नही चुका पाने पर वाहन जप्त नही कर सकेगी फाइनेंस कंपनी..अब होगी कार्रवाई

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rajan singh chauhan____

रायपुर। किस्त जमा नहीं कर पाने की स्थिति में वित्तीय कंपनियां (फाइनेंस कंपनियां) अब वाहन जप्त नहीं कर सकेंगे ऐसा करने वाली वित्तीय कंपनियों को पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा

डीजीपी ने क़िस्त जमा नहीं करने पर विधि विरुद्ध तरीके से वाहन जप्त कर लेने वाली वित्तीय कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य के सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी किए हैं

डीजीपी की इस पहल से लॉक डाउन की मार झेल रहे वाहन संचालकों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है

उल्लेखनीय है कि फाइनेंस कंपनियों से लोन लेकर वाहन खरीदना अब आम हो गया है खासतौर पर चार पहिया वाहन कंपनियों से लोन लेकर खरीदे जाते हैं भाड़े पर चलने वाले वाहन भी इसमें शामिल हैं वाहन मालिकों को लोन ली गई रकम किस्त के रूप में ब्याज के साथ कंपनियों को जमा करानी पड़ती है इससे वाहन मालिकों को एकमुश्त रकम चुकाने में होने वाली परेशानियों से निजात मिल जाती है वही ब्याज के रूप में मिलने वाली रकम से फाइनेंस कंपनियों का कारोबार भी संचालित होता रहता है

 

परंतु अक्सर यह देखने में आता है कि किसी समय क़िस्त चुका पाने में असफल रहने पर वाहन को वित्तीय कंपनियों द्वारा भाड़े के गुंडे से उठा लिया जाता है वाहन को भाड़े पर चला रहे वाहन संचालकों को इससे खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है सामाजिक प्रतिष्ठा पर चोट पहुंचने के साथ ही आमदनी बंद होने से विफल हुई कि इसके अलावा आने वाली क़िस्तों को चुकाने में भी दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ता है

यदि मालिक वाहन वापस पाना चाहे चाहे तो उसे दोबारा लोन लेना पड़ जाता है लॉकडाउन की मार झेल रहे ट्रांसपोर्टरों को इससे खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ऐसे वाहनों को कंपनियों द्वारा गुंडों के द्वारा उठाए जाने से रोकने के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं

डीजीपी के आदेश में कहा गया है कि वित्तीय कंपनियों द्वारा वाहन इत्यादि के लिए लोन दिया जाता है तभी किसी व्यक्ति के द्वारा वाहन क्रय आज के लिए लोन लिया जाता है और लोन की किस्त जमा नहीं किए जाने पर वित्तीय कंपनियों के द्वारा विधिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हुए बलपूर्वक अपने कर्मचारी के माध्यम से वाहन को जप्त कर लिया जाता है जो की पूर्णता विधि विरुद्ध है

डीजीपी ने देश के कानून के नियम प्रशासित होने के का हवाला देते हुए कर्ज की वापसी या वाहन की जप्ती कानूनी तरीके से ही किया जा सकने पर ही जोर दिया है और बैंक द्वारा गुंडों की भर्ती कर जबरदस्ती वाहन कब्जा किए जाने के प्रयास को अवैध ठहराया है

उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को उक्त सभी निर्णयों के आलोक में वित्तीय कंपनी द्वारा विधि विरुद्ध तरीके से वाहन कब्जे इत्यादि की कार्रवाई किए जाने की शिकायत प्राप्त होने पर उसके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने हेतु अपने अधीनस्थों को निर्देशित किए जाने के निर्देश दिए हैं

उल्लेखनीय है कि लोन लेकर खरीदे गए वाहनों की प्रदेश के साथ ही जिले में भी बड़ी संख्या है जिन्हें लॉकडाउन के कारण क़िस्तों को चुकाने में खासी मुश्किलें आ रही हैं डीजीपी के इस निर्देश से ऐसे वाहन संचालकों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है

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