आत्मानंद विद्यालय में अव्यवस्थाओं का आलम..विद्यार्थी शिक्षक होते है परेशान
शासकीय राशि का दुरुपयोग पुराने भवन में ही संचालित है विद्यालय
राजन सिंह चौहान,कोरिया बैकुंठपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार द्वारा शिक्षा के जगत में क्रांति करते हुए स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की शुरुआत की गई ताकि गरीब तबके के विद्यार्थी विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकें। और देखते ही देखते यह विद्यालय उचित प्रबंधन और व्यवस्थाओं के लिए अभिभावकों की पहली पसंद बन गया। आलम यह हुआ कि विद्यालयों में जितने सीट उससे कई कई गुना अधिक विद्यार्थियों के आवेदन आने लगे और लाटरी पद्धति से विद्यार्थियों का चयन होने लगा जिसका भाग्य प्रबल रहा उसका चयन विद्यालय में हुआ। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विगत दिनों समूचे प्रदेश में भेंट मुलाकात कार्यक्रम कर रहे थे और इसी कड़ी में प्रत्येक जगह स्वामी आत्मानंद के विद्यार्थियों से भी मुलाकात किए अंग्रेजी और छत्तीसगढ़ी में संवाद देखा गया जो बताता है कि उक्त योजना शिक्षा जगत की महती योजना है लेकिन उक्त योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला भी दिख रहा है ।भ्रष्ट लोग अपनी जेबे गर्म करने में लगे हुए हैं अधीनस्थ सहमे हुए है की आवाज उठा दें तो उन्हीं पर गाज गिर जाए संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों का अड़ियल रवैया यह बताता है कि उन्हें प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री के इस महती योजना के समुचित क्रियान्वयन में कोई दिलचस्पी नहीं है बल्कि उन्हें तो अपनी जेबें गर्म करनी है और अगर व्यवस्था सही नहीं है फिर भी यह दिखाना है की आत्मानंद विद्यालय सुव्यवस्थित रुप से संचालित है।
आपको बता दें शहर के महलपारा स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में भारी अव्यवस्था का माहौल है या कहा जाए की इस विद्यालय में अव्यवस्थाओं की एक लंबी लिस्ट है। यहां विद्यार्थियों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन उनके जानमाल की रक्षा के लिए भी यहां के भवन और यहां की व्यवस्था उचित नहीं जान पड़ते है ।
और यह तब पता चला जब शाला प्रबंधन विकास समिति की बैठक में कुछ मुद्दे सामने आए गौरतलब है कि जहां पर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालित हो रहा है वहां पहले शासकीय प्राथमिक शाला महलपारा संचालित हो रहा था पुराने भवन को ही मरम्मत करवाकर कक्षाएं बनवा दी गई कुछ नए भवन बने हैं लेकिन यहां पर शासकीय राशि का दुरुपयोग हुआ है जो किसी भी आंख धारी व्यक्ति को साफ नजर आ सकता है कोई धृतराष्ट्र ही होगा जो जान समझ कर भी अनजान बन पड़े।
यह भी जानकारी मिली है कि उक्त स्थल पर विद्यालय का निर्माण होना ही नहीं था क्योंकि ना तो उक्त स्थल पर जल निकास की सही व्यवस्था है ना ही उक्त स्थान पर बच्चों के खेलने के लिए कोई भी समुचित व्यवस्था सामने छोटा सा आंगन है जो बच्चों को असेंबली में लाइन में खड़े होने में ही भर जाता है एक ओर जहां सरकार की गाइडलाइन में खेल और खेल का मैदान अहम हिस्सा है और विद्यार्थियों को खेलों से जोड़ने प्रत्येक शनिवार को बैग लेस डे का आयोजन करने निर्देश दिया गया है बावजूद इसके जिला मुख्यालय में संचालित होने वाला आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय में प्ले ग्राउंड का समुचित अभाव है।
प्राथमिक शाला भवन से रिसता है पानी, प्रयोगशाला कक्ष भवन करता है वर्षा का आकर्षण:–
सुनने में अजीब लग रहा हो लेकिन हां इस विद्यालय में प्रयोगशाला कक्ष भवन वर्षा का आकर्षण करता है कारण यह है कि यहां का जो रोशनदान है वह खुला हुआ है जिससे वर्षा ऋतु का पानी अंदर आकर समस्त सामग्रियों को खराब कर देता है रोशनदान में छज्जा निर्माण कराए जाने की अत्यंत आवश्यकता है वहीं प्राथमिक खंड के भवन की छत से वर्षा ऋतु में बारिश का पानी रिसकर कक्षा में गिरता है जिससे बच्चों को कक्षा में बैठने में परेशानी होती है भवन के मरम्मत करने वाले ठेकेदार से कहने पर उनके द्वारा यह कहा जाता है कि मरम्मत पश्चात भवन सौंपने के बाद उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।
अतिरिक्त कक्ष निर्माण एवं अतिरिक्त फर्नीचर:–
वर्तमान शिक्षा सत्र 2022–23 में विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक कुल 50 बच्चे बैठक क्षमता वाले 5 कक्षाएं ही उपलब्ध है जबकि प्रत्येक कक्षा में 10 सीटों की वृद्धि होने से कक्षा में बच्चों के बैठने में परेशानी आ रही है अध्यापन हेतु 50 बच्चों की बैठक क्षमता वाले 7 अतिरिक्त कक्ष की विद्यालय को अत्यंत आवश्यकता है इसके साथ ही प्रत्येक कक्षा में 10 सीटें बढ़ाई गई हैं बड़े हुए अतिरिक्त सीटों पर प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त फर्नीचर की आवश्यकता है फर्नीचर के अभाव में बच्चों को बैठने में परेशानी होती है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उच्चाधिकारियों से 120 फर्नीचर 50 प्राथमिक स्तर एवं 70 हाईस्कूल स्तर पर प्रदान करने की मांग भी की गई है।
रिक्त पदों पर भर्ती व परिसर में पाथ वे निर्माण की जरूरत:–
आपको बता दें विद्यालय में कुल 37 पद स्वीकृत हैं जिसके विरुद्ध कुल 31 पद भरे जा चुके हैं एवं 6 पद रिक्त जिसमे शिक्षक 5 व गैर शिक्षकीय 01रिक्त पदों के कारण विद्यालय में अध्यापन कार्य व अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं इसके साथ ही विद्यालय परिसर में आने जाने हेतु पक्का पाथ वे उपलब्ध भी नहीं है जिस कारण वर्षा ऋतु में कीचड़ हो जाने के कारण आने जाने में परेशानी होती है दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
जल जल निकासी हेतु नाली निर्माण वहीं प्रार्थना स्थल में प्रोफाइल शीट लगाने की मांग:–
स्वामी आत्मानंद विद्यालय महल पारा में वर्षा ऋतु में जल निकासी हेतु कोई भी व्यवस्था नहीं होने के कारण वर्षा ऋतु में परिसर में जल का भराव हो जाता है जिससे बच्चों के आने जाने में परेशानी होती है अतः जल निकासी हेतु नाली निर्माण होना बहुत ही आवश्यक है इसके साथ ही प्रार्थना स्थल खुला रहता है, प्रार्थना सभा के समय बच्चों पर जब सीधे कड़ी धूप पढ़ती है तो बच्चे चक्कर खाकर गिरने लग जाते हैं विद्यालय के प्रार्थना स्थल में प्रोफाईल सीट लगाने की नितांत आवश्यकता है।
कॉउ कैचर एवं बाउंड्री वाल निर्माण जरूरी:–
नवीन भवन विद्यालय में काऊ कैचर नहीं होने के कारण मवेशी विद्यालय में प्रवेश करते रहते हैं और विद्यालय के पुष्प वाटिका आदि को नुकसान पहुंचाते हैं तथा कई बार तो मवेशी कक्षाओं तक भी पहुंच जाते हैं इसके लिए विद्यालय के प्रवेश द्वार में काऊ कैचर लगाने की आवश्यकता है।वही नवीन भवन जिसमें मध्यानभोजन,ग्रन्थालय एवं कंप्यूटर कक्ष इत्यादि की व्यवस्था हो सकती है का कार्य अपूर्ण है नवीन भवन का कार्य पूर्ण कराने पश्चात विद्यालय को हस्तांतरित करने हेतु विद्यालय प्रबंधन ने जिला प्रमुख से मांग भी की है इसके साथ ही विद्यालय के बाउंड्री वाल की ऊंचाई कम होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी तरह से अनुकूल नहीं है इसकी ऊंचाई बढ़ाने की आवश्यकता है वहीं विद्यालय में दिन के समय के लिए चौकीदार उपलब्ध नहीं है,विद्यालय से लगे औषधालय और यात्री प्रतीक्षालय से किसी के भी आने की आशंका रहती है जिससे विद्यालय में चोरी की भी संभावना बनी रहती है विद्यालय में चौकीदार की अनिवार्यता है।
आपको बता दें कि शिक्षा सत्र 2020–21 में प्रदान किए गए मैग्नेटिक बोर्ड ग्रीन बोर्ड की गुणवत्ता भी खराब हो चुकी है ग्रीन बोर्ड के ऊपरी सतह के प्लेट अलग होकर फ्रेम से अलग हो गए हैं और कुछ मैग्नेटिक बोर्ड बीच से फट गए हैं जिससे अध्यापन कार्य में अत्यधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है स्कूल प्रबंधन ने इसके लिए सभी कक्षाओं में ग्रीन बोर्ड उपलब्ध कराने हेतु भी उच्चाधिकारियों से मांग की है।
स्कूल लगने एवं छुट्टी के समय सुरक्षा व्यवस्था हेतु आरक्षक की व्यवस्था
गौरतलब है कि स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय महल पारा में पहली से लेकर बारहवीं तक कुल 556 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जो विद्यालय में प्रातः 9:30 से 9:50 तक एक साथ प्रवेश करते हैं एवं विद्यालय के छुट्टी के समय सायं 4:00 से 4:20 तक सभी विद्यार्थी एक साथ विद्यालय से बाहर निकलते हैं विद्यार्थियों के विद्यालय में प्रवेश करने एवं विद्यालय छोड़ने के समय अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को छोड़ने और लेने के लिए वाहन लेकर विद्यालय आना पड़ता है जिससे प्रतिदिन विद्यालय के मेन गेट के बाहर अव्यवस्था का आलम बन जाता है हाल ही में एक स्थानीय विद्यालय के समीप दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हो गई थी जिसमे एक विद्यार्थी की जान तक चली गई थी ऐसी किसी अप्रिय घटना से बचाव हेतु विद्यालय लगने के समय प्रातः 9:30 से 9:50 तक एवं छुट्टी के समय सायं 4:00 से 4:20 तक सुरक्षा व्यवस्था बनाने हेतु दो आरक्षक उपलब्ध कराने के लिए प्रबंधन द्वारा मांग की गई है जो नितांत आवश्यक है।
उपरोक्त व्यवस्थाओं को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है किस शहर का गौरव कहलाने वाला स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय महल पारा कितनी समस्याओं से जूझ रहा है प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शिक्षा जगत में क्रांति लाने वाली इस महती योजना में अगर इस प्रकार की लापरवाही बरती जाएगी तो कहीं ना कहीं यह अपने मूल उद्देश्य को नही पा सकेगा और शिक्षा विभाग की छवि धूमिल करेगा जिले के जुहारू और त्वरित निर्णयन के लिए जाने जाने वाले कलेक्टर कोरिया से जनहित में इस ओर ध्यानाकर्षण करने की नितांत आवश्यकता है।
राजन सिंह चौहान