गुणवत्ता हो स्वीकार, यही उपभोक्ता अधिकार
राजन सिंह चौहान – संपादक –
शहडोल,15 मार्च 2024। खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्य में मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल ज़ोन श्री डी. सी. सागर द्वारा उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता पर बल दिया, जो कि इस प्रकार हैं –1. जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं के मार्केटिंग से बचाव का अधिकार।
2. गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं की कीमत के बारे में सूचित करने का अधिकार, जैसा भी मामला हो, ताकि उपभोक्ता को अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाया जा सके।
3. सुनिश्चित होने का अधिकार, जहां भी संभव हो, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं तक पहुंच।
4. सुनवाई का अधिकार और यह आश्वासन दिया जाना कि उपयुक्त मंचों पर उपभोक्ता के हितों पर उचित विचार किया जाएगा।
5. अनुचित व्यापार, व्यवहार या प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं या उपभोक्ताओं के बेईमान शोषण के खिलाफ निवारण की मांग करने का अधिकार; तथा
6. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।
डी. सी. सागर ने अपने उद्बोधन के दौरान सभा में उपस्थित एक सज्जन द्वारा डेटॉल साबुन से संबंधित एक प्रकरण प्रस्तुत किया गया, जिसमें डेटॉल की दो साबुन की टिकिया मय रेपर दिखाई गई। उन साबुनों में प्रथमदृष्टया रूपरेखा में अंतर दिख रहा था और साथ ही उनके अंदर के साबुन में भी अंतर दिख रहा था। ऐसे में सुझाव दिया गया कि जहां से वह खरीदा गया है, उसका बिल लें और अपनी लिखित शिकायत के साथ संलग्न कर जिला उपभोक्ता फोरम में दें जिसके अंतर्गत गुणवत्ता, उसके ब्राण्ड, लोगो और अन्य डिटेल की सत्यता की जांच एवं वैधानिक कार्यवाही हो सके।
डी. सी. सागर ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक आदर्श समाज के निर्माण के लिए लोगों को चाहिए कि वो अपने व्यक्तित्व में रामचरित मानस के लंकाकाण्ड में दी गई चौपाई में उल्लेखित चरित्र के निर्माण से संबंधित 12 आदर्श गुणों को आत्मसात करें।
चौपाई :
“सौरज धीरज तेहि रथ चाका। सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥
बल बिबेक दम परहित घोरे। छमा कृपा समता रजु जोरे॥”
इन 12 गुणों से सीख और समझ लें, जिससे न तो उपभोक्ता के साथ कोई धोखा हो और न ही विक्रेता कोई धोखा करे। यदि किसी उपभोक्ता के साथ किसी खाद्य पदार्थ के सेवन से या किसी अन्य पदार्थ के प्रयोग से हानि होती है, तो वह अपने व्यक्तित्व की दृढ़ता से संबंधित गुणों का उपयोग करें और न्याय के लिए विवेक जैसे- गुण से अपने हक के लिए वैधानिक रण में उतरने से पीछे न हटें। इसके साथ ही लोगों की हौसला-अफजाई के लिए कुछ कविताएं सुनाईं, जो इस प्रकार हैं –
(1)टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अंतर को चीर व्यथा, पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ।
(2)बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ
पावों के नीचे अंगारे
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ
निज हाथों में हँसते-हँसते
आग लगाकर जलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
(3)
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है,
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
समय को भी तलाश है
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ न इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियां पिघाल के
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू
तू खुद की खोज में निकल
यह कार्यक्रम जिला पंचायत के सीईओ श्री राजेश जैन, अपर कलेक्टर श्री रामानुज टोप्पो और उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला आयोग की सदस्य डॉ. तृप्ति शास्त्री, जिला खाद्य एवं सिविल सप्लाई अधिकारी श्री विपिन पटेल एवं उपभोक्ता संगठन के श्री शुभदीप खरे, श्री विष्णु प्रताप सिंह, श्री जयप्रकाश नारायण गर्ग, श्री अरुण द्विवेदी, श्री अरुण यादव, श्री भरत कुमार नगरेले, श्री उदय सोनी, श्री अशोक गुप्ता एडवोकेट, श्री अमरनाथ तिवारी एडवोकेट, श्रीमती विंध्यवासिनी उपाध्याय, श्रीमती अरफाना बेगम, सुश्री लक्ष्मी राव, श्रीमती पूनम द्विवेदी, श्रीमती अंजुला नामदेव एडवोकेट, श्री आनंद राय सिंह सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, पत्रकार श्री संतोष चौबे, श्री अजय सिंह, श्री अशोक कुमार गुप्ता, श्री संतोष सिंह परिहार, श्री रोहिणी बंजारा, श्री देवेंद्र अनुरागी खाद्य एवं औषधि निरीक्षक, श्री ए के सोनी, श्री पियूष गर्ग, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं अधिकारी गण की गरिमामयी उपस्थिति में कलेक्ट्रेट के विराट सभागार में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में श्री शुभदीप खरे, श्री विष्णु प्रताप सिंह एवं श्री जयप्रकाश नारायण गर्ग, डॉक्टर तृप्ति शास्त्री जिला पंचायत के सीईओ श्री राजेश जैन ने उपभोक्ताओं को जागरूक रहने के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये। श्री विष्णु प्रताप सिंह ने शहर में मिलावटी एवं डुप्लीकेट माल के विक्रय, पेट्रोल पंप में कम नापतोल और पेयजल की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया। श्री मृगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने उपभोक्ता पर बनाई स्वरचित कविता का पाठ किया, आभार प्रदर्शन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल ने किया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।