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देखें video/ उत्तर प्रदेश / जहरीली शराब पीने से एक ही परिवार के 4 लोगों समेत 10 की मौत, 4 अफसर समेत 12 सस्पेंड

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ग्रामीणों का आरोप- सरकारी ठेके की दुकान से बेची जाती है नकली शराब

इसी साल फरवरी में जहरीली शराब से असम में 113 और उप्र में 50 लोगों की मौत हुई थी

राजन सिंह चौहान______

बाराबंकी. यहां के रानीगंज इलाके में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें चार लोग एक ही परिवार से हैं। ग्रामीणों के मुताबिक,शराब पीने के बाद लोगों को दिखना बंद हो गया था। इलाज के दौरान मंगलवार सुबह तक 12 लोगों की मौत हो गई। 10से ज्यादा लोगों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। इसी साल फरवरी में भी सहारनपुर और आसपास के इलाकों में जहरीली शराब ने करीब 50 लोगों की मौत हुई थी।

आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया किजिला प्रशासन के चारअफसर और 8 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।इनमें जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दुबे, आबकारी इंस्पेक्टर राम तीरथ मौर्य, समेत 3 हैड कांस्टेबल और 5 कांस्टेबल शामिल हैं। डीजीपी ओपी सिंह ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर रामनगर राजेश कुमार सिंह और सीओ पवन गौतम को निलंबित कर दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने डीएम और एसपी को मौके पर पहुंचने और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। योगी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। मामले में प्रिंसिपल सेक्रेटरी एक्साइज को जांच के आदेश दिए हैं।

एक ही परिवार के 4 की मौत

मरने वालों में छोटेलाल (60), उनके बेटे रमेश (35), दो पोते सोनू (25) और मुकेश (28) एक ही परिवार के हैं, जो रानीगंज के निवासी हैं। इनके अलावा सोनू, राजेश, पिपरी महार, राजेंद्र वर्मा, सेमराय और महेंद्र ततहेरा शामिल हैं।

गांव में चल रही नकली शराब की फैक्ट्री
मृतकों में से चार लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। तीन भाई रमेश गौतम, मुकेश, सोनू के साथ उनके पिता छोटेलाल की मौत हो गई। रमेश की पत्नी रामावती ने बताया कि घर में शव को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा। ग्रामीणों का आरोप है कि दानवीर सिंह की नकली शराब बनाने की एक अवैध फैक्ट्री है। यह नकली शराब उसकीसरकारी ठेके वाली दुकान पर बेची जाती है।

फरवरी में भी जहरीली शराब से 112 लोगों की मौत हुई थी
इसी साल फरवरी महीने में भी उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के चार जिलों जहरीली शराब पीने से 112 लोगों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सबसे ज्यादा 55 मौतें उप्र के सहारनपुर में हुईं। मेरठ में 18, कुशीनगर में 10 और उत्तराखंड के रुड़की में 32 लोगों की जान गई थी। सूत्रों की मानें तो माफिया ने शराब में स्प्रिट या चूहा मारने की दवा मिलाई थी।

असम में हुई थी 143 की मौत
फरवरी में ही असम में भी जहरीली शराब के कारण 143 लोगों की मौत हुई थी। गोलाघाट जिले में 85 और सटे हुए जोरहाट जिले में 58 की मौत हुई। यह जहरीली शराब से हुआ प्रदेश का सबसे बड़ा हादसा बताया था। एडीजी मुकेश अग्रवाल ने कहा था कि असमिया में ‘सुलाई मोद’ के रूप में जानी जाने वाली अवैध शराब की बिक्री और उत्पादन के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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