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राफेल: पहले सरकार की आपत्तियों पर निर्णय लेगा सुप्रीम कोर्ट

लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी का मामला चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट में आज राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई हो रही है. केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को ही हलफनामा दायर किया गया है, जिसमें बताया गया कि रक्षा मंत्रालय से राफेल के कागजात लीक हुए थे. गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी लगातार राफेल मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरती रही है और उनपर चोरी करने का आरोप लगा रही है.

सुप्रीम कोर्ट में आज राफेल मामले की सुनवाई
केंद्र सरकार ने बुधवार को दायर किया था हलफनामा
लोकसभा चुनाव में राफेल सौदा बड़ा मुद्दा बन रहा है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल के बहाने पीएम मोदी पर साध रहे निशाना

राफेल के दस्तावेजों को संबंधित विभाग की इजाजत के बिना कोई नहीं कर सकता पेश: AG

इससे पहले कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने राफेल डील के दस्तावेजों को लेकर विशेषाधिकार का दावा किया. उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज को संबंधित विभाग की इजाजत के बिना कोई भी सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं कर सकता है. इस दौरान वेणुगोपाल ने साक्ष्य अधिनियम की धारा- 123 और सूचना के अधिकार अधिनियम का हवाला लिया. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों को कोई भी प्रकाशित भी नहीं कर सकता है. राष्ट्र की  सुरक्षा सर्वोपरि है. इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि आरटीआई जनहित को सबसे ज्यादा अहम बताता है. लिहाजा खुफिया एजेंसियों के दस्तावेजों को छोड़कर किसी भी दस्तावेज पर सरकार विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल जिन दस्तावेजों पर विशेषाधिकार जता रहे हैं, वो पहले से ही प्रकाशित हो चुके हैं और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं.

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