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Video-शिकायत के बाद बिल्डर संजय अग्रवाल पर कार्रवाई,फर्जी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के आरोप

कोरिया/बैकुंठपुर | फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंट्री एवं टाउन प्लानिंग से लायसेंस लेने की शिकायत पर पुलिस ने बिल्डर संजय अग्रवाल के घर पर दबिश दी। 4 घंटे की मशक्कत के बाद उन्हे गिरफ्तार कर पहले थाने लाया गया, मेडिकल करवा उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें देर शाम जिला जेल दाखिल कर दिया गया। हलांकि कयास लगाए जा रहे है कि इस बार भी आसानी से उन्हें जमानत मिल जाएगी।

गिरफ्तार किये गये बिल्डर के जमीन संबंधी अन्य मामलों के संबंध में जॉच किये जाये तो और भी मामला खुल सकता है। इस संबंध में सिटी कोतवाली प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि मामला फर्जी दस्तावेज से जुडा हुआ है। नागरिक एकता मंच की शिकायत पर धोखाधडी सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उन्होने बताया कि, बिल्डर संजय अग्रवाल पुलिस की मदद नहीं कर रहा था, जिसके कारण गिरफ्तारी में थोडा विलम्ब हुआ। अंततः कडी मशक्कत के बाद बिल्डर को उनके घर से गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय से रिमांड लेते हुए जेल भेज दिया गया।

चकमा देने की हुई कोशिश
इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2 सितंबर को राज्य के डीजीपी के आदेश पर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने बिल्डर संजय अग्रवाल की गिरफ्तार करने काफी संख्या में पुलिस को घेराबंदी के निर्देश दिए। डीएसपी धीरेन्द्र पटेल और सिटी कोतवली प्रभारी बिमलेश दुबे के नेतृत्व में पहुंचें पुलिस और जिला पुलिस बल के जवानों को बिल्डर के घर को चारो ओर से घेर लिया।  इससे पहले जिले भर में कडी नाकेबंदी कर ली गई थी और जिले से सटे सभी बार्डर को सील कर दिया गया था। सूत्र बताते है कि जब पुलिस बिल्डर के घर पहुंची तो एक वाहन पीछे के रास्ते से निकल जाने की जानकारी मिली, पुलिस ने वाहन का पकडने के लिए जाल बिछाया, वाहन को खडगवां के पास पकडा गया, बताया जाता है कि उसमें सिर्फ ड्रायवर ही मिला, वहीं दूसरी ओर पुलिस बिल्डर के घर पर ही डटी रही। कई कमरों की तलाशी के बाद एक कमरे में बिल्डर ने अपने को बंद कर रखा था, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 4 घंटें बाद उन्हें घर से पकडने में सफलता पाई और सिटी कोतवाली लेकर पहुॅची। जिसके बाद बिल्डर संजय अग्रवाल का मेडिकल चेक अप कर कोर्ट में हाजिर किया गया, जहॉ से रिमांड लेते हुए जेल दाखिल कर दिया। थाने लेकर आने के बाद पुलिस ने थाने को चारों से घेर रखा था, किसी को भी अंदर जाने की एकदम मनाही थी।  

देखें video:

फर्जी कागजात से विकास अनुज्ञा प्राप्त करने का मामला
बिल्डर की गिरफ्तारी के पीछे पूरा मामला पुराना है जो कि धोखाधडी कर बनाये गये फर्जी दस्तावेजों से संबंधित है। भ्रष्ट्राचार को लेकर भाजपा व कांग्रेस के लोगों ने मिलकर पूर्व में बनाये गये नागरिक एकता मंच द्वारा बिल्डर के कारनामों को लेकर पूर्व में शिकायत की गयी थी। जिस पर अब जाकर कार्यवाही हुुई। मंच के अुनसार वर्ष 2014 में ग्राम नगर निवेश कायार्सलय के विकास अनुज्ञा के लिए बिल्डर द्वारा फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर विकास अनुज्ञा प्राप्त करने में सफल रहे। जिसकी शिकायत बाद में नागरिक एकता मंत्र द्वारा की गयी थी जिस पर जांच कर कार्यवाही की मॉग की थी, जांच पश्चात फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करना पाया गया जिस पर अब जाकर कार्यवाही की गयी।

मकान खरीदी बिक्री, रजिस्ट्री, नामांतरण पर रोक की मांग
बीते 17 अगस्त को बिल्डर की कम्पनी की भूमि पर निर्माणाधीन शादी घर पर बुलडोजर चलाकर तोडफोड की कार्यवाही की गयी। इसी बीच मुख्य नगर पालिका अधिकारी बैकुंठपुर ने एसडीएम व तहसीलदार बैकुंठपुर को पत्र लिखकर प्रोपराईटर मॉ वैष्णो एसोसिएट प्राईवेट लिमिटेड बैकुण्ठपुर एवं इनसे संबंधित अन्य सभी निर्मित मकान की खरीदी, बिक्री, रजिस्ट्री व नामांतरण पर रोक लगाने की मांग संबंधी पत्र. लिखा था जिसमें उल्लेख किया गया था कि उक्त एसोसिएट द्वारा निर्मित व निर्माणाधीन कॉलोनी नपा अधिनियम 1961 की धारा 339 अंतर्गत अवैध कॉलोनी की श्रेणी में है तथा संबंधित अवैध निर्माण पर रोक लगाया गया है। नपा अधिनियम के तहत कार्यवाही से पूर्व संबधित को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था। बिल्डर के रजिस्ट्रीकरण की मूल प्रति नगर तथा ग्राम निवेश अनुमोदित अभिन्यास अनुशांगिक अन्य समस्त दस्तावेज कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3028 दिनांक 17 नवंबर 2019 के तहत समय सीमा में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे।  किन्तु आवेदक मॉ वष्णौ एसोसिएट प्राईवेट लिमिटेड बैकुण्ठपुर के द्वारा आज दिनॉक तक मूल दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। जिसे देखते हुए मॉ वैष्णौ एसोसिएट व इनसे संबंधित अन्य सभी निर्मित मकान की खरीदी बिक्री, रजिस्ट्री, नामांतरण पर रोक लगाने की मांग की गयी थी। इसके साथ ही नपा की पूर्व में आयोजित हुई बैठक में भी फर्जी दस्तावेज से अनुज्ञा लाईसेंस लेने पर उक्त एसोसिएट द्वारा बनाई गयी कॉलोनी को अवैध घोषित किया गया था।

तय थी कार्यवाही
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में बीते 17 अगस्त को नगर पालिका द्वारा बिल्डर संजय अग्रवाल द्वारा निर्माणाधीन निजी शादी घर को अनुज्ञा नही लेकर निर्माण कराये जाने को लेकर तोडफोड की कार्यवाही की गयी। कार्यवाही के बाद बिल्डर के द्वारा प्रशासन के खिलाफ शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए बडे बडे पोस्टर  लगाया गया था जिससे तय था कि प्रशासन कोई गंभीर कार्यवाही करने को लेकर रणनीति बनाने में लगा हुआ है, दूसरी ओर बिल्डर लगातार प्रशासन को मुंड चिढाते सोशल मीडिया पर लगातार प्रहार कर राजनैतिक रंग देते जा रहे थे।

सोशल मीडिया पर छाई चुप्पी
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले बिल्डर की गिरफ्तारी के बाद पूरे दिन चुप्पी छाई रही, व्हाट्सअप ग्रुप में कार्यवाही के एक्का दुक्का पोस्ट के अलावा फेसबुक में भी ना तो समर्थन और ना विरोध के पोस्ट नजर आए। हलांकि दिन भर कार्यवाही की जानकारी लेने लोग लगे रहे और दिन भर यह दोपहर बाद से शाम ढलने तक जगह जगह बिल्डर संजय अगवाल के घर पर पुलिस क्यो पहुॅची इसे लेकर चर्चा रही साथ ही जिन्हें मालूम चल गया था वे इस बात को लेकर उत्सुक रहे कि जेल गये कि नहीं।

रसूखदारी की धौंस 
बिल्डर की कांग्रेस के नेताओं में काफी अच्छी पकड देखी जाती रही है, खासकर चिरमिरी के एक जनप्रतिनिधि से उनके संबंध को लेकर चर्चा आम है, वहीं सूत्रों की माने तो गिरफ्तारी के बाद उक्त जनप्रतिनिधी ने पुलिस के आला अधिकारियों को फोन कर रियायत देने की पेशकश की, परन्तु अधिकारियों ने इस संबंध में सीघे डीजीपी से बात करने का सुझाव दे डाला।

रेणुका से मिला भाजपा प्रतिनिधिमंडल
बीते 17 अगस्त को शादी पर हुई कार्यवाही को लेकर केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने बिल्डर के पक्ष में शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जबकि स्थानीय स्तर पर भाजपा नेता पक्ष मे नहीं थे। वहीं प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय के दौरे पर बिल्डर को भाजपा दरकिनार कर दिया गया, उधर, बुधवार को जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल के नेतृत्व मे पूर्व विधायक श्यामबिहारी जायसवाल के साथ कई कार्यकर्ताओं ने केन्द्रीय मंत्री श्रीमति सिंह से मुलाकात की, जिलाध्यक्ष ने अपने फेसबुक एकांउट में फेसबुक में फोटो पोस्ट कर बताया कि जिले के राजनैतिक विषयों पर उनके चर्चा हुई है। हलांकि अभी तक केन्द्रीय मंत्री की ओर से गिरफ्तारी को लेकर बयान नहीं आया है।

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