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ADGP Shahdol Zone ने आँखों पर पट्टी बांधकर दिव्यांग बच्चों के संग,मन की आँखों से महसूस किया परमानन्द

–  राजन सिंह चौहान –

शहडोल। विगत दिनों प्रेरणा फाउंडेशन, शहडोल द्वारा मानस भवन शहडोल में दिव्‍यांग बच्‍चों द्वारा सांस्‍कृतिक  कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक शहडोल डी.सी.सागर द्वारा दिव्‍यांग बच्‍चों के मध्‍य स्‍टेज पर उनके साथ जमीन पर बैठकर अपनी आंखों पर पटृी बांधकर बच्‍चों को संबोधित किया। उन्‍होंने अपनी आंखों पर पटृी बांधकर संबोधन करने के निम्‍नलिखित कारण बताए।

इस कार्यक्रम में उपस्थित दिव्‍यांग बच्‍चों में अनेक बच्‍चे देखने में असमर्थ थे तो इस बात की  अनुभूति करने के लिए कि इस संसार को मन की आंखों से भी देखा जा सकता है और अपने अंदर परमानंद की अनुभूति की जा सकती है। साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि बच्‍चों में यदि प्रकृति ने देखने की क्षमता नहीं दी है तो इस बात को लेकर निराश न हों क्‍योंकि ईश्‍वर ने उन्‍हें समझने की और चीजों की याद करने की अभूतपूर्व शक्ति और सामर्थ्‍य दिया है जिसे वो  पहचाने और कभी भी निराश न हो। दिव्‍यांग बच्‍चों में ईश्‍वर का अंश प्रचुर मात्रा में विद्यमान होता है। यही  समझाने के लिए एडीजीपी शहडोल द्वारा अपनी आंखें बंद कर और पटृी बांधकर बच्‍चों को  अनेक प्रेरणास्‍पद कविताएं सुनाई :

“टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी,
अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी,
हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ,
गीत नया गाता हूँ ।”

“लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
“अग्निपथ…अग्निपथ…
अग्निपथ “

“तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है,
तू चल, तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है।”

“बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।”

एडीजीपी शहडोल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित दिव्‍यांग बच्‍चों के शिक्षक/शिक्षिकाओं को बधाई दी कि उन्‍होंने बच्‍चों को सांस्‍कृतिक कार्यक्रम के लिए उत्कृष्ट तरीके से तैयार किया और  कार्यक्रम में सभी बच्‍चों का प्रदर्शन उत्‍कृष्‍ट रहा।
एडीजीपी शहडोल द्वारा इस सफल कार्यक्रम के आयोजक प्रेरणा फाउण्‍डेशन को बधाई और  शुभकामनाएं दी, जिसमें दिव्‍यांग बच्‍चों को अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का अवसर  मिला।

दगना एक कुप्रथा है। हम सब मिलकर दगना कुप्रथा का उन्मूलन करेंगे। डॉक्टर दगना से घायल बच्चे के प्रकरण को medico-legal case माने व पुलिस को सूचित करें। पुलिस संज्ञान ले और सम्मुचित वैधानक कार्रवाई करे, एडीजीपी शहडोल, डी सी सागर
देखिए विडियो

 

 

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